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जे के इंडस्ट्रीज में करंट लगने से मजदूर की मौत, परिजनों ने किया थाने का घेराव

कंपनी मृतक के परिजनों को देगी पांच लाख रूपये और हर महिना सैलरी

पार्षद पियुष मिश्रा ने की मध्यस्थता, कंपनी और मृतक के बीच हुआ समझौता,

भिलाई। नगर के छावनी चौक में स्थित एक इंडस्ट्रीज में करंट लगने से एक मजदूर की मौत हो गई। इस मामलें में मृतक के परिजनों को जानकारी मिलने के बाद मृतक बेहद आक्रोशित होकर जामुल थाने का आज सुबह से ही घेराव इस लिए कर रहे हैं कि मृतक का फेक्ट्री में काम करने के दौरान कल सोमवार को प्रात: 10 बजे करेंट लगने से मौत हो गई थी, उसके बाद भी उसके परिजनों को फेक्ट्री के संचालकों ने नही बताया और जब जब दोपहर को खाना खाने के लिए मृतक के घर वाले जब फोन किये तब बताया गया कि उसको करेंट लग गया है, उसे चन्दूलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके कारण मृतक के परिजनों में भारी रोष व्याप्त है। इस मामले में हाउसिंग बोर्ड के पार्षद पियुष मिश्रा ने मध्यस्थता की और उसके बाद जामुल थाने में दोनो पक्षों में मुआवजा समझौता हुआ और कंपनी द्वारा मृतक के परिवार को पांच लाख रूपये मुआवजा और कोर्ट क्लेम करने और जब तक इसका फैसला न आ जाये तब तक मृतक के परिवार को हर महिने मृतक मजदूर की सैलरी देने कंपनी ने कहा। जिसे मृतक के परिजनों ने भी मान लिया उसके बाद थाने का घेराव खत्म हुआ।

संतोष ओझा के परिजनों ने बताया कि सोमवार को छावनी चौक स्थित जे के स्टील कंपनी में काम करने घासीदास नगर निवासी संतोष ओझा 40 साल काम करने गया था, उसके काम करते समय प्रात: 10 बजे उसको करंट लग गया जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी, लेकिन कंपनी वालों ने हमें नही बताया  जब हमने दोपहर को खाना खाने के लिए वहां कॉल किया तो हमे बताया गया कि संतोष को करंट लग गया है उसे  कंपनी प्रबंधन द्वारा चंदूलाल चन्द्राकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जब हम गये तो पता चला कि वह मर गया है। कंपनी द्वारा बिना सेफ्टी के उसे काम करवाया जा रहा था, जिसके कारण उसे करंट लगा। संतोष ओझा के चार छोटे छोटे बच्चे है, और अपने परिवार में वही कमानेवाला था।

बिना सेफ्टी कराया जा रहा था कार्य, इंश्योरेंस, ईएसआई व पीएफ कुछ भी सुविधा नही थी

बताया जा रहा है कि जे के स्टील कंपनी द्वारा अधिकांश मजदूरों से बिना सेफ्टी कार्य करवाया जा रहा था, इसके अलावा न तो उनका इंश्योरेंस किया गया था और न ही उसको ईएसआई की सुविधा दी जा रही थी और न ही उसका पीएफ कटता था। यही स्थित इस कंपनी में कार्य करने वाले अन्य मजदूरों के साथ ही है।

श्रमविभाग भी है इस घटना का जिम्मेदार

श्रमविभाग केवल जिले में नाम का कार्यालय खोलकर बैठा है, उसे कोई मतलब नही है कि किस फैक्ट्री में फेक्ट्री एक्ट के तहत कार्य हो रहा है कि नही, इस विभाग के और भविष्य निधि विभाग के लोग स्कूलों सहित दूसरो अन्य स्थानों पर जाकर जांच करते है, सुविधाओं की लेकिन कंपनी वालों के यहां ये झांकते तक नही, जिसके कारण फेक्ट्रियों में लगातार घटनाएं हो रही है। इसी प्रकार तीन चार माह पहले दुर्ग के संाखला इंडस्ट्रीज में भी हुआ था, फिर भी श्रमविभाग सोया हुआ है। श्रमविभाग की इस प्रकार का का रवैया कई संदेहों को जन्म दे रहा है, कि आखिर कंपनी वालों के यहां ये जांच क्यों नही करते, कि कहां किस कंपनी में फेक्ट्री एक्ट के हिसाब से कार्य हो रहा है कि नही। आखिर ये कौन देखेगा और ये किसकी जिम्मेदारी है।

पांच लाख रूपये मुआजवा व हर महिना सैलरी देने पर हुआ समझौता-पियुष मिश्रा

वार्ड 16 के पार्षद पियुष मिश्रा ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि जेके कंपनी प्रबंधन एवं मृतक संतोष ओझा के परिजनों द्वारा जामुल थाने में यह समझौता हुआ कि कंपनी मृतक के परिजनों को पांच लाख रूपये देगी जिसमें चार लाख रूपये आज ही उसके अंतिम संस्कार व अन्य कार्यों के लिए देगी और एक लाख रूपये एक माह बाद देगी। कंपनी में मृतक के परिजनों को नौकरी दिये जाने का मामला आया तो उसके परिवार में दूसरेा कोई ऐसा नही है जो नौकरी कर सके। इसलिए कोर्ट क्लेम में उसके फैसला आने के तक कंपनी हर महिना मजदूर संतोष ओझा के परिवार को सैलरी देगी।

इंश्योरेंश, ईएसआई सहित अन्य चीजों का जांच हमारा विषय नही-सीएसपी

सीएसपी श्री चन्द्राकर ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि छावनी चौक में स्थित जे के स्टील में करंट लगने से कल संतोष ओझा की मौत हो गई थी, इस मामले को लेकर आज मृतक केपरिजन जामुल थाना आये थे। इस मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है, पोष्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उसके बाद को भी कानूनी कार्यवाही होगी वह पुलिस करेगी। उनसे जब एक प्रश्र पूछा गया कि बताया जा रहा है कि मृतक को बिना सेफ्टी कार्य कराया जा रहा था और उसका इंश्योरेंस भी नही है और न ही उसको ईएसआई की सुविधा प्राप्त था और न ही उसका पीएफ कटता था, इस मामले में किस तरह की कार्यवाही कंपनी के मालिक पर किया जायेगा तो  सीएसपी श्री चन्द्राकर ने कहा कि इंश्योरेंश हुआ है कि नही,और ईएसआई तथा ईपीएफ के मामले में जांच और कार्यवाही का इण्ड्रस्टियल की विभाग व श्रमविभाग करेगी हम तो केवल फौजदारी और आईपीसी के तहत ही कार्यवाही कर सकते हैे।

 

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