25 माह में नहीं बन पाया आत्मानंद स्कूल भवन
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25 माह में नहीं बन पाया आत्मानंद स्कूल भवन
मंडी बोर्ड से 2.5 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा भवन, 9 माह में करना था पूरा
ठेकेदार पर विभाग क्यों हैं इतना मेहरबान
– पूरे राज्य में मंडी बोर्ड का सबसे ज्यादा कार्य साजा विधानसभा में स्वीकृति होना माना जाता हैं। वहीं इन कार्यों में जमकर भर्राशाही की गई हैं। जिसके चलते विभागीय अधिकारी व ठेकेदार दोनों की बल्ले बल्ले रही, जो अब भी जारी हैं। इसका ताजा व प्रत्यक्ष प्रमाण साजा के ही आत्मानंद स्कूल भवन को देख कर लगाया जा सकता हैं। जो कि यह भवन को 9 माह में पूरा होना था, मगर आज 25 माह बाद भी अधूरा हैं। इससे ही सहज अनुमान लगाया जा सकता हैं कि विभागीय अधिकारीयों व ठेकेदारों का संबंध कितना सुमधुर हैं।
विधानसभा व ब्लाक मुख्यालय साजा में पूर्व सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं में से एक आत्मानंद स्कूल की स्वीकृति साजा नगर को प्राप्त हुई, जिसका उद्देश्य नगर सहित अंचल के बच्चों को अच्छी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकें। स्वीकृति पश्चात नगर के बालक प्राथमिक शाला को यथा संभव जीर्णोधार कर संचालित किया गया। वहीं सुचारु रूप से संचालित करने के लिए शासन द्वारा नए स्कूल भवन के लिए करोड़ो रुपए की राशि की स्वीकृति की गई। जिसके पश्चात स्कूल भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, जिसको 9 माह में पूरा होना था, वह आज 25 माह होने को हैं फिर भी पूरा नहीं हो पाया हैं।
विभाग से प्राप्त जानकारी – मंडी बोर्ड विभाग से जानकारी के अनुसार आत्मानंद स्कूल भवन साजा व थान खम्हरिया के निर्माण के लिए शासन द्वारा 4.5573 करोड़ रुपये की स्वीकृति हैं। इस हिसाब से साजा के आत्मानंद स्कूल भवन के लिए लगभग 2.5 करोड़ की राशि की स्वीकृति की गई, जिसका निर्माण मंडी बोर्ड विभाग के अंतर्गत कराया जा रहा हैं। स्कूल भवन का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 से किया जा रहा हैं। इस स्कूल भवन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 9 माह का समय सीमा दिया गया था। जो कि अब तक पूरा नहीं हो पाया हैं।
आत्मानंद में आत्मा लगने का हैं इंतजार – नगर के इस आत्मानंद स्कूल में आत्मा लगने का नगर सहित पूरा अंचल इंतजार में हैं। नगरवासी अपने बच्चों के लिए नए स्कूल भवन की राह तांक रहें हैं। 25 माह पश्चात भी भवन का पूरा नहीं होना अपने आप में आश्चर्य का विषय हैं। उनका सरकार से सवाल हैं कब मिलेगा उनके बच्चों को नया स्कूल भवन?
दोनों सरकार को लगाया जा रहा चूना – उक्त विभाग मंडी बोर्ड द्वारा दोनों सरकार (पूर्व व वर्तमान) को चूना लगाया जा रहा हैं। क्योंकि यह स्कूल भवन पूर्व सरकार में ही पूरा हो जाना था, नहीं हुआ, उसके बाद नये सरकार में भी कब से हो जाना था, मगर इस सरकार का भी कार्यकाल एक वर्ष से ज्यादा हो रहा हैं। इससे विभाग की कार्यशैली स्वतः ही प्रमाणित हो जाती हैं कि विभागीय अधिकारी ठेकेदार पर कितना मेहरबान हैं। आखिर ठेकेदारों पर अधिकारीयों की इतनी मेहरबानी क्यों? खास बात एक और कि यह मेहरबान मुफ्त में तो की नहीं जाती।
“कार्य को समय सीमा में नहीं करने पर टाइम एक्सटेंशन काटा जायेगा। कार्य में देरी के लिए ठेकेदार को नोटिस भेजा गया, उसका जवाब आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।”
———– अजय सिंह, एसडीओ, मंडी बोर्ड