लॉकडाउन में धंधा चैपट होने वाले वेंडरों को रिसाली निगम दे रही है लोन

भिलाई। स्थानीय निकायों के माध्यम से अब ऐसे स्ट्रीट वेंडर्स और ठेले, गुमटी संचालकों को ऋण देकर व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिनका कोविड लॉकडाउन की वजह से धंधा चैपट हो चुका हैं अपर कलेक्टर व रिसाली निगम आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे व नोडल अधिकारी रमाकांत साहू ने गुरूवार को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के कार्यो की समीक्षा की। उन्होनें अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए।
सहायक परियोजना अधिकारी ओंकार यादव ने बताया कि दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत ऐसे लोगों को लाभ मिलेगा जिनका व्यापार लॉकडाउन की वजह से चौपट हो चुका हैं। योजना के तहत ठेले च गुमटी में चाय, पकौड़ा, गुपचुप, अंडा, रोल या सड़क किनारे फल, सब्जी और मुहल्ले या फिर बाजारों में फेरी या पसरा लगाकर कपड़े, जुते, चप्पल या अन्य दैनिक उपयोग की सामानों को बेचने वाले लाभ उठा सकेंगे । प्रति स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार योजना के तहत बैंक के माध्यम से लोन उपलब्ध कराया जाएगा। खास बात यह है कि स्ट्रीट वेंडर्स या गुमटी संचालक इसे आसान किश्तों में जमा कर सकते है।
सात प्रतिशत की मिलेगी छूट
योजना के हितग्राहियों को छुट का प्रावधान भी दिया गया है। लोन को नियमित आसान किश्त जमा करने वालों को ब्याज में 7 प्रतिशत की छुट दी जाएगी। यह छुट प्रत्येक 3 माह में दी जाएगी।
इन लोगों को मिलेगा लाभ
सहायक परियोजना अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत उन्हे लाभ मिलेगा जो वेंडर्स परिचय पत्र ले चुके है, विक्रय पत्र बनवाया हो, जिनका सर्वेक्षण सूची में नाम हो, जिनका सर्वेक्षण सूची में नाम नहीं है और वे शहरी क्षेत्र में व्यवसाय करते है या फिर ग्रामीण क्षेत्र में निवास करते हो और रिसाली नगर पालिक निगम क्षेत्र में व्यवसाय करते हों।
आवेदन भरने पर ही योजना का लाभ
इस योजना का लाभ लेने के लिए रिसाली निगम के शहरी आजीविका मिशन कार्यालय से आवेदन लेकर जमा करना आवश्यक है। साथ ही स्ट्रीट वेंडर्स को आवेदन के साथ वेंडर कार्ड, वेंडर्स कार्ड न होने पर पार्षद का प्रमाण पत्र, वेंडर्स आई डी कार्ड, मोबाइल नं. के अलावा 2 पासपोर्ट फोटो अनिवार्य किया गया हैं।
अपर कलेक्टर व रिसाली निगम के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने बताया कि शासन की योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स व फुटकर व्यवसायियों को 10 हजार तक ऋण देने का प्रवधान हैं। इसके लिए नाम्र्स निर्धारित है। नाम्र्स पूरा करने वाले हितग्राहियों की सूची पर मुहर लगाकर बैंक को पे्रषित किया जाएगा।