एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड अभियान को आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों से नए मानक प्रारूप के तहत राशन कार्ड जारी करने को कहा गया है।

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राशन वितरण प्रणाली ज्यादा पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए केंद्र सरकार देशभर में एक समान मानक पर आधारित राशन कार्ड लाने की तैयारी में है। केंद्र ने बुधवार को राज्यों से कहा है कि वे नए मानक प्रारूप के आधार पर नागरिकों के नए राशन कार्ड जारी करें। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी राज्य में राशन खरीद सकेंगे।
खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड अभियान को आगे बढ़ाते हुए सभी राज्यों से नए मानक प्रारूप के तहत राशन कार्ड जारी करने को कहा गया है। अभी परीक्षण के तौर पर छह राज्यों में योजना पर अमल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की तैयारी 1 जून, 2020 से योजना को देशभर में लागू करने की है। इसके बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत किसी भी राज्य की दुकान से राशन खरीद सकेगा। अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कार्ड पोर्टेबिलिटी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से जारी राशन कार्ड समान मानक प्रारूप पर हों।
कार्ड पर दो भाषाओं में होगी जानकारी
खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि राज्यों से दो भाषाओं में राशन कार्ड जारी करने को कहा गया है। इसमें एक स्थानीय भाषा होगी जबकि दूसरी भाषा हिंदी या अंग्रेजी हो सकती है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मानक राशन कार्ड में धारक का जरूरी ब्योरा शामिल किया गया है, लेकिन राज्य चाहें तो अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें और जानकारियां जोड़ सकते हैं। वर्तमान में विभिन्न राज्यों की ओर से जारी किए जाने वाले राशन कार्ड के प्रारूप में अंतर पाया जाता है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी में परेशानी आती है।
हर राशन कार्ड पर होगा 10 अंक का कोड
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी परामर्श में कहा है कि वह सभी राशन कार्ड पर 10 अंकों वाला कोड जारी करें। इसमें पहले दो अंक संबंधित राज्य के कोड होंगे और अगले अंक राशन कार्ड संख्या के अनुरूप निर्धारित होंगे। इसके अगले दो अंक राशन कार्ड में परिवार के प्रत्येक सदस्य की पहचान के तौर पर दिए जाएंगे। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार अभी तक 75 करोड़ लाभार्थियों को शामिल कर चुकी है, जो 81.35 करोड़ के तय लक्ष्य से थोड़ा पीछे है।
दूर होंगी पीडीएस की खामियां
सरकार का दावा है कि नए राशन कार्ड से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की खामियों को पूरी तरह दुरुस्त किया जा सकेगा। हालांकि, राशन कार्ड को आधार के साथ लिंक करने की व्यवस्था के जरिये पहले ही सरकार इसमें हो रही सेंधमारी पर लगाम कस चुकी है। वर्तमान में देशभर में 23.30 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिसमें से 85 फीसदी को आधार के साथ लिंक किया जा चुका है। अभी तक 75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी आबादी को एनएफएसए के तहत लाया जा चुका है।