Uncategorized

Samvida Karmchari Latest News: 23 हजार संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी? नए साल के पहले लगने जा रहा झटका, संघर्ष समिति ने किया ये बड़ा दावा

Samvida Karmchari Latest News

लखनऊः Samvida Karmchari Latest News संविदा कर्मचारियों भले ही सरकार के विभिन्न विभागों में काम करते हैं, लेकिन उनकी नौकरी सरकारी कर्मचारियों की तरह नहीं रहती है। उन्हें कब नौकरी से निकाला जा सकता है, इसकी जानकारी किसी को नहीं रहती है। इसी बीच अब उत्तर प्रदेश सरकार के बिजली विभाग में संविदा आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों पर नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। यह दावा विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया है। उनका कहना है कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी विद्युत वितरण निगमों के कर्मचारियों की छंटनी का खुला दस्तावेज है। साथ ही समिति ने कंपनी के निजीकरण करने का भी दावा किया है। हालांकि अभी तक इस पर कंपनी की तरफ से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।

Read More : Bharat Mobility Expo 2025 : भारत मोबिलिटी एक्सपो के नाम से जाना जाएगा ऑटो एक्सपो, आयोजन का वेन्यू और शेड्यूल आया सामने, यहां जानें पूरी डिटेल्स 

Samvida Karmchari Latest News समिति ने दावा किया है कि कंपनी की ओर से जारी प्रश्नोत्तरी में साफ तौर पर लिखा गया है कि 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र की होगी, जिसका मतलब है कि निगमों का सीधे निजीकरण किया जा रहा है। यह भी लिखा गया है कि बेचे जाने वाले पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारियों को निजीकरण के बाद एक साल तक निजी कम्पनी में काम करना पड़ेगा। यह इलेक्ट्रीसिटी एक्ट-2003 के सेक्शन 133 का खुला उल्लंघन है क्योंकि ऊर्जा निगमों के कर्मचारी सरकारी निगमों के कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों को किसी भी परिस्थिति में जबरिया निजी कंपनी में काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

Read More : IND vs AUS : बल्लेबाजों के लिए कब्रिस्तान बनेगा एडिलेड! पिच रिपोर्ट ने उड़ाए दोनों टीम के होश

23818 कर्मचारी निजीकरण के साथ ही निकाल दिए जाएंगे

समिति के सदस्यों ने दावा किया है कि प्रश्नोत्तरी दस्तावेज में यह कहना कि एक साल के बाद जो कर्मचारी निजी क्षेत्र में काम न करना चाहे उनके सामने शेष बचे हुए ऊर्जा निगमों में आने या वीआरएस लेकर घर जाने का विकल्प होगा। विद्युत वितरण निगमों में तीन प्रकार के कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। एक वह जो कॉमन कैडर के हैं, दूसरे वह जो संबंधित निगम के कर्मी हैं और तीसरे वह जो आउटसोर्स कर्मचारी हैं। जो निगम के कर्मी हैं, निजी क्षेत्र से वापस आने के बाद उनका समायोजन किसी नियम के तहत अन्य निगमों में नहीं किया जा सकता। साफ है ऐसे 23818 कर्मी सीधे-सीधे नौकरी से निकाल दिए जाएंगे। वीआरएस केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिल सकता है, जिनकी 30 साल की सेवा हो। वीआरएस भी एक प्रकार की छंटनी है।

देर रात युवक की धाररदार हथियार से नाबालिग ने कर दी हत्या

https://youtu.be/S4xXxsqn7Ik

Related Articles

Back to top button