विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक*… *जनजाति गौरव दिवस,अपने इतिहास को जानने का अच्छा अवसर : राज्यपाल मंगूभाई पटेल*…*अरण्य, ग्राम्य एवं संस्कृति को जीवन सूत्र में एक साथ पिरोने वाले आदिवासी समाज का इतिहास गौरवशाली : कौशिक

*विधायक बिल्हा धरमलाल कौशिक*… *जनजाति गौरव दिवस,अपने इतिहास को जानने का अच्छा अवसर : राज्यपाल मंगूभाई पटेल*…*अरण्य, ग्राम्य एवं संस्कृति को जीवन सूत्र में एक साथ पिरोने वाले आदिवासी समाज का इतिहास गौरवशाली : कौशिक*
*जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं पूर्व अध्यक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं विधायक बिल्हा, धरमलाल कौशिक*
छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट
बिलासपुर अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में आयोजित जनजातीय गौरव राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जनजाति समुदायों का योगदान भारतवर्ष के विकास में,संस्कृति के गौरव में सर्वाधिक है। लेकिन उसका लेखांकन सही ढंग से नहीं हो पाया है। चाहे भगवान बिरसा मुंडा हो,तिलका मांझी हो या वीर नारायण सिंहएवं रानी दुर्गावती हो। उन्होंने कहा कि पर्यावरण हो, चाहे हमारी संस्कृति हो, चाहे हमारे वैदिक सभ्यता हो उसे सुरक्षित करने का काम जनजाति संगठन ने बखूबी किया है।कहा कि जनजातीय गौरव जो मनाया जा रहा है, उसे आज सारा देश देख रहा है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारे हिंदुस्तान में जनजातीय गौरव को बढ़ाया । इसलिए ऐसे कार्यक्रम का आयोजन सभी जगह हो रहे है। राज्यपाल ने कहा कि 1975 में जो रात इमरजेंसी दाखिल हुई,उसी दिन मैं अहमदाबाद में था, एक संघ के कार्यक्रम मे शामिल होने गया था, अहमदाबाद के खानपुर में जयप्रकाश नारायण जी,अटल बिहारी वाजपेई जी,डॉ भाई महावीर जी का भाषण चल रहा था,हमारे राष्ट्रीय नेता एवं राष्ट्रीय पुरुष कैसे थे जयप्रकाश जी नारायण के भी मन में उनके लिए क्या भाव था ।आज तो हम जानते हैं कितने साल हो गए मगर जिन्होंने नजदीक से देखा कि राष्ट्र पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी को उन्हें आज भी याद करते है। मोदी जी के मंत्रिमंडल में मैंने 14 साल काम किया। समाज के लिए,देश के समर्पित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी हर समस्या का समाधान किया।
इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक शामिल हुए। श्री कौशिक ने मंगुभाई पटेल का हर्षोल्लास से स्वागत करते हुए, जनजातीय संस्कृति, परंपरा, और उनके योगदान को समझने और सराहने के इस प्रेरणादायक आयोजन की सभी को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर श्री कौशिक ने कहा कि यह संगोष्ठी न केवल हमारी जनजातीय धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास है, बल्कि समाज में उनकी ऐतिहासिक भूमिका को उजागर करने का मंच भी प्रदान करती है। यह सौभाग्य की बात है कि बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय पर आज हम जननायक श्री बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहे है। उन्होंने सभी को इस अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रवाह अगाध रूप से गतिमान है। अरण्य, ग्राम्य एवं संस्कृति को जीवन सूत्र में एक साथ पिरोने वाले आदिवासी समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है।
श्री कौशिक ने कहा कि सामाजिक संगठन, समृद्ध संस्कृति तथा गहरी आध्यात्मिक चेतना जनजातीय समाज में रही है। इतिहास के पन्नों पर मुगल एवं अंग्रेजों से देश की आजादी की लड़ाई में भाग लेने वालों में प्रथम पंक्ति में आदिवासी समाज का नाम आएगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से मध्यप्रदेश कोल विकास प्राधिकरण श्री रामलाल रौतेल, प्रांत संयोजक जनजातीय गौरव प्रकल्प श्री बृजेंद्र शुक्ला, बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, तखतपुर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी, कुलसचिव श्री शैलेन्द्र दुबे एवं विश्वविद्यालय के स्टाफ व छात्र–छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।