पहुँचविहीन ग्राम बेचा में प्रशासनिक अमले ने लगाया स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग का अनुठा शिविर
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RajeevGupta
अंदरुनी क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य और पोषण सुविधा देने का हुआ सराहनीय प्रयास
बाईक से नदी-नाले पार कर पहुंचे विभागीय अधिकारी-कर्मचारी, ग्रामीणों को दी सेवाऐं
कोंडागाँव। विकासखण्ड कोण्डागांव के क्षेत्रांतर्गत आज भी ऐसे कुछ सीमावर्ती ग्रामीण इलाके है जो प्राकृतिक अवरोधो जैसे घने वन, पहाड़ के कारण जिले के अन्य क्षेत्रो के मुकाबले अलग-थलग बसे है। इन ग्रामों में किलम, बेचा, कड़ेनार जैसे ग्राम है और ज्ञात हो कि यहां से जिला दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमाऐं प्रारंभ हो जाती है। ऐसे वन ग्रामों में केवल सायकल अथवा बाइसिकल के द्वारा ही पहुंचा जा सकता है और यहां सड़के पुल-पुलिया का निर्माण करना प्रशासन के लिए सदैव चुनौती पूर्ण रहा है। परन्तु राज्य शासन की जनहितकारी योजनाओं को इन क्षेत्रो में निर्बाध रुप से पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष रणनीति के तहत मूलभूत सुविधा मुहैया कराई जा रही है। यह तो सभी जानते है कि मैदानी क्षेत्र के ग्रामों में शासन की समस्त सुविधाओं को आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है, परन्तु असली परीक्षा दूरस्थ पहुंचविहीन क्षेत्रों में योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन से है। चूंकि किलम, बेचा, कड़ेनार, कुधूर जैसे वन पहाड़ी से घिरे बसे ग्रामों में चारपहिया वाहनो से पहुंचना संभव नहीं है। अतः कलेक्टर श्री नीलकंठ टीकाम के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य और महिला बाल विकास की संयुक्त टीमो द्वारा बाईक से नदी-नाले पार कर इन गांव में विगत् दिनांक 11 दिसम्बर को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण तथा अन्य आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन की इस संवेदनशील पहल का किया समर्थन
विभागीय टीम के सदस्यो की माने तो उन्होंने बताया कि अचानक 12-13 बाइक सवार 25 कर्मचारियों के समूह को देखकर पहले तो ग्रामीण सहम से गये थे, परन्तु बाद में जब बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण आहार देने का क्रम चला तो ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी और उन्होंने शासन की इस संवेदनशील पहल के लिए साधुवाद दिया। मौके पर संयुक्त दल द्वारा ग्राम बेचा के 14 घरो में गृहभेंट कर माताओं एवं बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर निःशुल्क दवाई दी गई साथ ही उक्त ग्राम के अन्य पारा जैसे नीचे पारा एवं खासपारा के 39 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत पोषण आहार एवं दवाईयाँ भी दिया गया। शिविर में 42 महिलाओं और 13 पुरुषो का स्वास्थ्य जांच कर दवाईयाँ देने के साथ-साथ 60 बच्चों को गर्मकपड़े और 5 वृद्धो को शाल इत्यादि दिये गए। मौके पर उपस्थित ग्रामीण बच्चों ने गोण्डी, हल्बी में उत्साहपूर्वक गीत गाकर टीम के सदस्यों की सराहना भी पाई।
ज्ञात हो कि माननीय मुख्यमंत्री के मंशानुरुप अच्छे स्वास्थ्य एवं बेहतर पोषण पर सभी का अधिकार र्निविवाद है। चाहे वह मैदानी क्षेत्र के ग्रामीण हो अथवा घने वनो के बीच बसने वाले ग्रामीणों का । कुल मिलाकर राज्य शासन के इस संदेश को दूरस्थ ग्रामीणों तक देने का यह जिला प्रशासन का सशक्त प्रयास रहा है। उक्त सम्पन्न हुए शिविर में परियोजना अधिकारी मो.इमरान अख्तर, बीएमओ डाॅ0 आर.के.सिंग, डाॅ0 आशीष मसीह, डाॅ0 इंद्राणी विश्वकर्मा, पर्यवेक्षक सुश्री अनिता चैधरी, लक्षणी साहू, रजनीश राजन, सुपोषण अभियान क्षेत्रीय नोडल प्रकाश बागड़े सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।