Ratan Tata Special Story: रतन टाटा ने अपने बीमार कुत्ते के लिए ठुकरा दिया था ब्रिटेन का शाही अवार्ड, इंतजार करते रह गए थे प्रिंस चार्ल्स
Ratan Tata Special Story: टाटा समूह के चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर 2024) देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। वह पिछले कुछ दिनों से गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थे। रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। सभी उनके निधन पर अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। तो वहीं, उनसे जुड़े ऐसे किस्से सामने आ रहे हैं, जिसे सुनकर लोगों की आंखों में आसूं आ जा रहे है। लोग आज रतन की महानता को मिसाल दे रहे हैं। इसी कड़ी में हम आपके रतन टाटा से जुड़े एक ऐसे किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे सुनकर आप कहे कि वे सच में महान इंसान थे..
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रतन टाटा का इंतजार करते रह गए थे प्रिंस चार्ल्स
यह कहानी उस समय की है जब भारतीय उद्योगपति रतन टाटा ने इंग्लिश रॉयल परिवार के निमंत्रण के आगे अपने बीमार कुत्ते को ज्यादा महत्व दिया था। 2018 में प्रिंस चार्ल्स, जो अब किंग चार्ल्स III हैं, रतन टाटा का इंतजार करते रह गए थे। द वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार,उन्होंने (किंग चार्ल्स III) रतन टाटा को उनके असाधारण परोपकारी कार्यों के लिए सम्मानित करने का निर्णय लिया था। ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के तत्वावधान में उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ देने की योजना बनी थी। सभी तैयारियां बकिंघम पैलेस में 6 फरवरी 2018 के लिए की गई थी। रतन टाटा को इस इवेंट के बारे में पहले से बताया गया था। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार ग्रहण करने के लिए खुशी भी जताई थी। हालांकि, रतन टाटा ने आखिरी मिनट पर इंग्लैंड जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया।
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बीमार पड़ गया था पालतू कुत्ता
दरअसल, रतन के पास टैंगो और टिटो नाम के दो पालतू कुत्ते थे, जिनमें से एक यात्रा से ठीक पहले बीमार पड़ गया था। ब्रिटिश रॉयल फैमिली द्वारा सम्मानित होने का यह महत्वपूर्ण अवसर उनके प्यारे पालतू जानवरों की भलाई से कम महत्वपूर्ण था। तब टाटा ने कहा था कि, मैं उसे छोड़कर नहीं जा सकता। रतन टाटा के यात्रा पर नहीं जाने का कारण फोन पर सुहेल सेठ को बताया गया था। सेठ उस अवार्ड इवेंट के लिए लंदन में थे। वहीं, जब प्रिंस चार्ल्स को रतन टाटा के इस इवेंट में शामिल न होने का कारण पता चला, तो वे आश्चर्यचकित नहीं हुए। बल्कि उन्होंने कहा कि, “यही इंसान है, यही रतन है, यही कारण है कि टाटा हाउस आज जिस स्थिति में है।”