आदिवासी समाज को सबसे पहले और सबसे तेजी से विकास की सुविधाएं देने की पहल- मुख्यमंत्री श्री बघेल आदिवासी लोक कलाओं की देश दुनिया में पहचान स्थापित करने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन 27 दिसम्बर से वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ने का निर्णय

आदिवासी समाज को सबसे पहले और सबसे तेजी से विकास की सुविधाएं देने की पहल- मुख्यमंत्री श्री बघेल
आदिवासी लोक कलाओं की देश दुनिया में पहचान स्थापित करने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन 27 दिसम्बर से
वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ने का निर्णय
मुंगेलीसबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, बाबा साहेब अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे महान नेताओं के पद चिन्हों पर चलते हुए आदिवासी समाज को सबसे पहले और सबसे तेजी से विकास की सुविधाएं देने की पहल कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने मासिक रेडियो वार्ता ‘लोकवाणी’ की 5वीं कड़ी को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को मुंगेली जिले के ग्रामीण इलाकों के लोगों ने भी तन्मयता से सुना। इसी कड़ी में आज विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम गीधा के ग्राम पंचायत भवन में ग्रामीणों के साथ अपर कलेक्टर श्री राजेश नशीने और मुंगेली अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री चित्रकांत चाली ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को ध्यानपूर्वक सुना। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता को सुनने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई थी। इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों, वनांचल तथा आदिवासी अंचलों की जनता से सीधे संवाद पर अपनी प्रसन्नता भी जाहिर की। श्री बघेल ने रेडियो वार्ता के दौरान अमर शहीद वीर नारायण सिंह को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान दिवस 10 दिसम्बर को है। इसी प्रकार 18 दिसम्बर को गुरू बाबा घासीदास की जयंती और 25 दिसम्बर को प्रभु यीशु का जन्म दिवस क्रिसमस है। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद वीर नारायण सिंह, गुरू बाबा घासीदास और प्रभु यीशु को नमन करते हुए उनसे प्रदेश की खुशहाली के लिए आशीर्वाद की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग एक तिहाई आबादी अनुसूचित जनजातियों की है। इन्होंनेे अपनी सोच, अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति तथा अपने योगदान से छत्तीसगढ़ को एक विशेष पहचान दी है। अनुसूचित जनजाति के लोग अपनी जिन्दगी में रमे होते हैं। अपनी आकांक्षाएं मुखर करने में भी संकोच करते हैं। इसलिए आज के लोकवाणी का विषय ‘आदिवासी विकास-हमारी आस’ अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपनी मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी में कहा कि यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदेश में वनोपज का कारोबार लगभग 18 सौ करोड़ रूपए का होता है, जिसमें हमारे आदिवासी समाज को समुचित भागीदारी नहीं मिली थी। अब हमारी सरकार ने ऐसे नये रास्ते तलाशे हैं, जिससे आप सभी लोगों की आय बढ़ सकेगी। हम आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाना चाहते हैं, इस दिशा में एक नया कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ा जाएगा। परंपरागत वैद्यकीय ज्ञान भी छत्तीसगढ़ के वनांचलों की विशेषता है। इस कौशल को लम्बे अरसे में न तो मान्यता मिली और न सुविधा, जबकि जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों को लेकर कोई संदेह नही है। हमने परंपरागत वैद्यों के कौशल और ज्ञान को सहेजने तथा इसे उपयोग में लाने के लिए 1200 परंपरागत वैद्यों का एक सम्मेलन आयोजित किया। अब इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘ महाभियान को भी रेखांकित किया। उन्होने कहा कि अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का पूर्णतः संरक्षण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सामुदायिक वन आधिकार दिया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि दूर-दूर फैले गांवों का नए सिरे से परिसीमन कराकर उन्हें पंचायतों का दर्जा दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में 5वीं और 8वीं कक्षा की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। श्री बघेल ने रेडियोवार्ता में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए पिता की जाति के आधार पर नवजात को जाति प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। जिन निर्दोष लोगों को झूठे मामलों, मुकदमों में फसाया गया था उन्हें न्याय दिलाने के लिए जस्टिस पटनायक अयोग काम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में कहा कि आदिवासी लोक कलाओं की देश दुनिया में पहचान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन रायपुर में 27, 28 और 29 दिसंबर को किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में कहा कि राज्य सरकार की नई औाद्योगिक नीति ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की मूल भावना पर आधारित है। इस नीति के माध्यम से आदिवासी अंचलों के विकास में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उद्योग नीति में पिछड़े क्षेत्रों या विकासखंडों को सबसे अधिक रियायत और संसाधन देने का फैसला किया गया है। नए उद्योगों में स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से रोजगार देने का प्राधान है। अकुशल श्रेणी में 100 प्रतिशत, कुशल श्रेणी में कम से कम 70 प्रतिशत और प्रशासकीय और प्रबंधकीय श्रेणी में कम से कम 40 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को मिलेगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को स्थानीय स्तर पर नौकरी देने के लिए नियमों को शिथिल किया गया है। प्री-मैटिक छात्रावास एवं आवासीय विद्यालयों, आश्रमों के बच्चों की शिष्यवृत्ति बढ़ाकर 1000 रूपए प्रतिमाह की गई है। प्रदेश में 16 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू किए गए है। मैट्रिकोत्तर छात्रावास के विद्यार्थियों की छात्र भोजन सहाय राशि 500 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 700 रूपए प्रतिमाह की गई है। हॉट बाजारों में चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। श्री बघेल ने रेडियोवार्ता में कहा कि प्रदेश में धान की खरीदी एक दिसम्बर से प्रारंभ हो चुकी है। राज्य सरकार ने पूरी
व्यवस्था कर रखी है कि किसानों की जेब में 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से पूरी राशि जाए। किसानों को धान का मूल्य 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा। केन्द्र के नियमों के तहत फिलहाल केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है।
विज्ञापन समाचार हेतु सपर्क करे-
9425569117/7580804100