पेंशन के लिए रेंगकर पंचायत कार्यालय पहुंची बुजुर्ग महिला, पैरों और हाथों पर गंभीर छाले, वीडियो देख पसीज जाएगा दिल

handicapped woman crawled to the Panchayat office : सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग महिला का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जो अपनी पेंशन लेने के लिए कीचड़ से सनी सड़क पर रेंगते हुए नजर आ रही है। इस वीडियो को देखने के बाद किसी की भी आंखें भर जाएंगी। दरअसल, ओडिशा के क्योंझर जिले में हैरान करने वाली तस्वीर देखने को मिली। यहां एक 70 वर्षीय महिला को वृद्धावस्था पेंशन लेने के लिए अपने घर से पंचायत कार्यालय तक करीब दो किलोमीटर रेंगना पड़ा।
handicapped woman crawled to the Panchayat office : बता दें कि बीमार महिला की पहचान रायसुआन ग्राम पंचायत की निवासी पथुरी देहुरी के रूप में हुई है, जो चल नहीं सकती। बुजुर्ग महिला अपनी आजीविका के लिए पेंशन पर निर्भर है और उसकी मदद करने वाला कोई नहीं है। गांव की सड़क पर रेंगती देहुरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोग स्थानीय प्रशासन की खूब आलोचना कर रहे हैं।
बुजुर्ग महिला के पैरों, घुटनों और हाथों पर गंभीर छाले
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को बुजुर्ग और विकलांग लाभार्थियों की पेंशन उनके दरवाजे तक पहुंचाने का निर्देश जारी किया था। हालांकि, देहुरी ने कहा कि एक पंचायत अधिकारी ने उन्हें मासिक पेंशन लेने के लिए कार्यालय जाने के लिए कहा था और उन्हें शनिवार को वहां पहुंचने के लिए रेंगना पड़ा। इसके चलते उनके पैरों, घुटनों और हाथों पर गंभीर छाले पड़ गए।
सीएम के गृह जिले का मामला
संबंधित ग्राम पंचायत ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के गृह जिले क्योंझर के तेलकोई ब्लॉक के अंतर्गत आती है। तेलकोई प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) गीता मुर्मू ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन पहले उनके बैंक खाते में भेजी जाती थी। हालांकि, जब वह बीमार हो गईं और बैंक जाने में असमर्थता जताई, तो स्थानीय प्रशासन ने हाथों-हाथ पेंशन देना शुरू कर दिया है।
अब, पंचायत विस्तार अधिकारी को हर महीने देहुरी के घर जाकर वृद्धावस्था पेंशन देने के लिए कहा गया है। बीडीओ ने कहा कि उन्हें व्हीलचेयर भी मुहैया कराई गई है। रायसुआन के सरपंच बागुन चंपिया ने कहा कि नागरिक आपूर्ति सहायक देहुरी को उनके घर पर ही राशन उपलब्ध कराएंगे।
पथुरी ने कहा, “पंचायत कार्यकारी अधिकारी (पीईओ) ने मुझे अपनी पेंशन प्राप्त करने के लिए कार्यालय आने के लिए कहा। कोई अन्य विकल्प न होने और मेरी मदद करने वाला कोई न होने के कारण, मुझे पंचायत कार्यालय तक पहुँचने के लिए 2 किमी तक रेंगना पड़ा। मेरे लिए कोई नहीं है।” पूछताछ करने पर, पंचायत कार्यकारी अधिकारी ने घटना को स्वीकार किया, लेकिन महिला की स्थिति के बारे में अनभिज्ञ प्रतीत हुआ।