श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन की प्रस्तुति देख हुए सभी भाव-विभोर
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सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- बिलासपुर रोड स्थित श्रीगणेश अनुग्रहम में श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया है। कथा के 7वें दिन चित्रकूट धाम से आए राजीवलोचन दास महराज ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार की आवश्कता अधिक होती है, इसलिए स्कूलों में बच्चों को चलने-फिरने, सोने, भोजन और विज्ञान का ज्ञान कराना हमारा मुख्य दायित्व है।
उन्होंने बताया कि सनातन धर्म मे मैत्रयी, गार्गी, तारा जैसी विदुषियों ने समाज जो नई दिशा दी है। पश्चिमी सभ्यता के कुचक्र से युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखना आवश्यक है। भगवान श्रीकृष्ण ने जो कहा और श्रीराम ने जो किया, यह सदैव अनुकरणीय रहे। महराज ने कहा कि सनातन वांग्मय में दलित शब्द की कोई प्रमाणिकता नहीं है। हमारे यहां छुआछूत का कोई विधान नहीं है, शुद्धि-अशुद्धि का भेदमात्र है। तभी भगवान श्रीराम ने केंवट को गले लगाया। प्राचीन भारतीय परंपरा में वर्ण व्यवस्था सुव्यवस्थित रूप से संचालित की जाती थी। कोई भी किसी का शोषक नहीं, पोषक होते थे। सभी का आपस मे स्नेह था। स्वधर्म का पालन मुख्य कर्तव्य माना जाता था। यही आदर्श सुदामा ने भी संतुष्ट होकर जीवन में भगवत प्राप्ति का लक्ष्य रखा।
कवर्धा. बिलासपुर रोड स्थित श्रीगणेश अनुग्रहम में कथा के दौरान श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन की प्रस्तुति दी गई।
झांकी को देखने के लिए जुटे क्षेत्र के श्रद्धालु
कथा के दौरान श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन की झांकी प्रस्तुत की गई। इसे देखकर उपस्थित लोग भाव-विभोर हो गए। गणेश तिवारी व उपस्थित लोगों ने महाराज का स्वागत किया।
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