गणेशजी की आरती हिंदी में : सर्वप्रथम पूजनीय श्री गणेश जी की इस आरती के बिना अधूरी है पूजा आराधना, गणेशोत्सव पर पढ़ना न भूलें ये आरती
गणेशजी की आरती हिंदी में : यहां जानते हैं आखिर गणेश जी को ही क्यों सबसे पहले पूजा जाता है?
भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता माना जाता है. साथ ही, गणेश जी को मंगलमूर्ति भी कहा जाता है. इनके सभी अंग जीवन को सही दिशा देने की सिख देते हैं. गणेश जी की पूजा से जुड़ी कुछ और मान्यताएंः
– गणेश जी को बुद्धि और विद्या का प्रतीक माना जाता है. इसलिए, उनकी पूजा करके शिक्षा, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की प्रार्थना की जाती है.
– गणेश जी को सभी देवताओं में सबसे पहले पूज्य माना जाता है.
– गणेश जी की पूजा करने से उनकी दूसरी पत्नी रिद्धि यानी अच्छी किस्मत, सफलता, धन, श्रेष्ठता प्राप्त होती है.
– गणेश जी का जन्मदिन गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है.
– किसी भी नए काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना शुभ माना जाता है.
– कहते हैं कि यदि शुभ कार्य से पहले गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाए तो कार्य में कोई बाधा या विघ्न नहीं आती.
गणेशजी की आरती हिंदी में : गणेश जी के कुछ शक्तिशाली मंत्र
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
गणेशजी की आरती हिंदी में : आईये साथ में करें श्री गणेश जी की दिव्य आरती
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
गणेशजी की आरती हिंदी में
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
गणेशजी की आरती हिंदी में
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
गणेशजी की आरती हिंदी में
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
—– Additional —–
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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