Text Book Writing Workshop Raipur: छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि.. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्य पुस्तक की तैयारी करने वाला पहला राज्य, संपन्न हुई कार्यशाला..
Text Book Writing Workshop Raipur : रायपुर। छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्य पुस्तक तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर देश का पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। राज्य स्तरीय पाठ्य पुस्तक लेखन के लिए राजधानी रायपुर में आयोजित की गई दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर एससीईआरटी के संचालक, राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा कि पाठ्य सामग्री का निर्माण ऐसा होना चाहिए जिससे बच्चे अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की पुस्तकों से सीखते हुए, छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा, संस्कृति और स्थानीयता को समाहित किया जाएगा।
एससीईआरटी के संचालक राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा, पुस्तक लेखन का कार्य जनवरी 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। बच्चों और शिक्षकों के लिए उपयोगी किताबों का निर्माण किया जाएगा। कुछ किताबों को एडॉप्ट करने की भी योजना है।’ छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा सचिव, सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के अनुरूप राज्य की पाठ्यचर्या बनाई और आगे बढ़कर एनसीईआरटी के साथ तालमेल में पाठ्यपुस्तक निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की है।
Text Book Writing Workshop Raipur : उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अगले वर्ष से कक्षा पहली से तीसरी और छठी की पाठ्यपुस्तकों को बदला जाएगा, जिसकी तैयारी एससीईआरटी ने प्रारंभ कर दी है।
कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रकाशन विभाग एनसीईआरटी, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो ए. के. राजपूत, आरआईई अजमेर के डॉ. पातंजली शर्मा, पंडित सुन्दरलाल शर्मा, केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान, भोपाल के प्राध्यापक प्रोफेसर वी.एस. मेहरोत्रा, एसोसियेट प्रोफेसर एनसीईआरटी, नई दिल्ली के डॉ. एम.वी.श्री निवासन, और एनसीईआरटी नई दिल्ली, एससीईआरटी छत्तीसगढ के संकाय सदस्य एवं प्रतिभागियों ने अपनी अपनी प्रस्तुति दिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पुस्तक लेखन के लिए आवश्यक सुझाव दिए।
Text Book Writing Workshop Raipur : कार्यशाला में एनसीईआरटी के विशेषज्ञ, डॉ. नीलकंठ कुमार, डॉ. शरबरी बनर्जी, डॉ. एम. श्रीनिवासन, प्रोफेसर ए.के. राजपूत, और प्रोफेसर वी.एस. मेहरोत्रा ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस कार्यशाला में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण, एससीईआरटी के विभिन्न प्रकोष्ठों के सदस्य, और अन्य संस्थाओं के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।