#SarkarOnIBC24 : राहुल गांधी की ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ , रायबरेली के सहारे यूपी फतह की कर रहे प्लानिंग

नई दिल्ली : #SarkarOnIBC24 : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार सक्रिय बने हुए है। हाथरस, अहमदाबाद और मणिपुर दौरे के बाद राहुल ने मंगलवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली का रुख किया। राहुल ने सियाचिन में शहीद और कीर्ति चक्र से सम्मानित अंशुमन सिंह के माता-पिता से मुलाकात की। वहीं युवाओं से जुड़े अग्निवीर, बेरोजगारी और पेपर लीक जैसे मुद्दे राहुल गांधी की लिस्ट में सबसे ऊपर है। राहुल इन्हें उठाकर बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रेशर पॉलिटिक्स का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार सुर्खियों में छाए हुए हैं। राहुल के रायबरेली दौरे की ये तस्वीरें हैं जो साफ संकेत दे रही हैं कि राहुल अमेठी वाली गलती रायबरेली में नहीं दोहराना चाहते। रायबरेली के लोगों से पर्सनल कनेक्ट जरूरी है और कांग्रेस के लिए यहीं से यूपी की जमीन मजबूत करने का रास्ता भी खुलता है। दूसरी ओर राहुल इन दिनों अग्निवीर योजना के खिलाफ मुखर हैं।
#SarkarOnIBC24 : संसद से लेकर सड़क तक इसके खिलाफ झंडा बुलंद किए हुए हैं.. राहुल ने रायबरेली में कीर्ति चक्र से सम्मानित अंशुमन सिंह के माता-पिता से भी मुलाकात की। कैप्टन अंशुमन सियाचिन में तैनात थे। जहां 19 जुलाई, 2023 को शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अंशुमन सिंह की माता-पिता ने अग्निवीर योजना को बंद करने की मांग की।
राहुल गांधी अग्निवीर ही नहीं बल्कि नीट पेपर लीक को लेकर भी केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है… नीट परीक्षा में लाखों छात्र बैठे थे। जिनका भविष्य अधर में है। इसकी निष्पक्ष जांच और परीक्षा रद्द करने की कई दफा मांग कर चुके हैं।
राहुल गांधी की सक्रियता ने बीजेपी की बेचैनी बढ़ा दी है। कांग्रेस जहां इसे लेकर उत्साहित है। वहीं बीजेपी नेता राहुल गांधी पर लगातार निशाना साध रहे हैं।
#SarkarOnIBC24 : राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी और अग्निवीर स्कीम के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई थी। चुनाव परिणाम के बाद इसमें नीट पेपर लीक का मुद्दा भी जुड़ गया। राहुल लगातार युवाओं से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जो उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राहुल ये इशारा देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि युवाओं की परवाह बीजेपी को नहीं कांग्रेस को है। बीजेपी के युवा वोट बैंक में सेंध लगाने की राहुल की कवायद क्या रंग लाती है, ये तो साल के अंत में होने वाले 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों से ही साफ हो पाएगा।