Government Employee Working Day: छत्तीसगढ़ में 5 डे वर्किंग खत्म! सरकारी दफ्तरों में अब 6 दिन काम, कर्मचारियों के विरोध पर डिप्टी सीएम का बड़ा बयान

रायपुर: Government Employee Working Day: छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा 5 डे वर्किंग व्यवस्था को समाप्त किए जाने के फैसले पर विवाद गहराता जा रहा है। अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा ने इस निर्णय को पूरी तरह प्रोपेगेंडा बताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह फैसला कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है और इससे कार्यस्थल पर असंतोष बढ़ेगा।
Government Employee Working Day: कमल वर्मा ने कहा की राज्य सरकार ने एकतरफा और बिना विचार-विमर्श के यह निर्णय लिया है जो पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है। आज के दौर में जब अधिकांश कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से हो रहे हैं और कर्मचारी सातों दि, चौबीसों घंटे डिजिटल रूप से काम में लगे हैं ऐसे में 5 डे वर्किंग को खत्म करना न सिर्फ अनुचित है बल्कि कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालेगा।
Read More : Lucknow Crime News: डेढ़ साल की मासूम के साथ पड़ोसी ने किया दुष्कर्म, घर में ले जाकर दिया वारदात को अंजाम
Government Employee Working Day: उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में कर्मचारी सप्ताह के पांच दिन दफ्तर में कार्य करते हैं और शेष दिनों में भी मोबाइल व ऑनलाइन माध्यम से लगातार कार्यरत रहते हैं। ऐसे में सप्ताहांत की छुट्टियां उनके लिए कार्यक्षमता बनाए रखने का एकमात्र साधन हैं। संघ ने राज्य सरकार से इस निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
Government Employee Working Day: इस फैसले को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा है कि यह आज की परिस्थितियों की आवश्यकता है और सरकारी कार्यालयों में काम के बढ़ते बोझ को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। अरुण साव ने बताया की सरकारी कार्यालयों में कामों की अधिकता बढ़ रही है इसलिए प्रशासनिक स्तर पर इस निर्णय को लिया गया है। मुझे लगता है कि यह फैसला समय की मांग है और इसके लिए सबको सहयोग करना चाहिए।