खुलासा – साहूकारों के पैसों से शौचालय बनाकर ले लिया अवार्ड, छत्तीसगढ़ के सरपंच अब संकट में
लोरमी सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- मुंगेली को शौचालय निर्माण के मामले में अव्वल बनाने के लिए सरपंचों ने उधारी लेकर टारगेट पूरा तो कर लिया, लेकिन साहूकार की उधारी अब तक नहीं चुकाई, क्योंकि सरकारी रुपये अभी नहीं आये हैं। इधर साहूकार सरपंचों को खोज-खोजकर परेशान हैं। आगे पंचायत चुनाव है, कहीं मौजूदा सरपंच के हाथ से सत्ता छीन गयी तो साहूकार के पैसे डूब भी सकते हैं, ये बात साहूकारों को पता है। इसीलिए सरपंचों को खोज रहे हैं। दूसरी तरफ सरपंचों की परेशानी ये है कि वे साहूकार से बचकर इधर-उधर लूका-छिपी करें या चुनाव लड़ने की तैयारी करें। आपको पता होगा कि शौचालय निर्माण में मुंगेली जिले को अव्वल घोषित किया गया था। मुंगेली ऐसे ही अव्वल नहीं बन गया था। अफसरों ने सभी सरपंचों को बाकायदा टारगेट दे रखा था। टारगेट पूरा करने और अपने मुंगेली को नंबर-एक की पोज़िशन पर देखने के लिए सरपंचों ने सरकारी मद से आने वाले रुपयों का इंतज़ार नहीं किया, बल्कि साहूकारों से ब्याज में रूपए उधारी लेकर शौचालयों का टारगेट पूरा कर लिया। सरपंचों के इस संघर्ष का नतीजा रहा कि सरपंचों को शाबासी मिल गयी, और अधिकारियों को अवार्ड। अब ताजा किस्सा ये है कि शौचालय निर्माण के सरकारी पैसे अभी तक नहीं आये, ऐसे में सरपंच साहूकार को क्या लौटाएं? साहूकासाहूकार से बचकर इधर-उधर लूका-छिपी करें या चुनाव लड़ने की तैयारी करें ?र तो ब्याज समेत वसूलने की फिराक में सरपंचों को ढूंढ रहे हैं। इधर अधिकारियों का कहना है कि जब पैसे ऊपर से आएंगे तो सरपंचों को दे दिए जायेंगे। लेकिन, तारीख पे तारीख दे चुके सरपंच साहूकारों को क्या जवाब दें, क्योंकि उन्हें सिर्फ मूलधन ही नहीं, बल्कि ब्याज भी तरीके से लौटाना पड़ेगा। साहूकार तो पाई-पाई का हिसाब लेंगे, लिहाज़ा सरपंच इन दिनों संकट में हैं।
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