BSP Mayawati Latest News: क्या ख़त्म हो जाएगी BSP?.. मायावती के इस नए कदम से भड़क सकते हैं कार्यकर्ता, बहनजी ने फिर दोहराई गलती
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के 4 जून को जारी हुए नतीजों में मायावती के नेतृत्व वाली बसपा पार्टी को करारी हार मिली है। पार्टी को उत्तर प्रदेश में एक भी सीट हाथ नहीं लगी। (Mayawati again ignored young leader Akash Anand) इस बीच चुनाव में मिली हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने 23 जून को एक समीक्षा बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष, उम्मीदवारों को बुलाया गया है। लेकिन इस बैठक में मायावती के भतीजे आकाश आनंद को नहीं बुलाया गया है।
Mayawati reviewed the defeat in the Lok Sabha elections
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बार के आम चुनाव के नतीजों में बसपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी को यूपी में एक भी सीट नहीं हासिल हुई। इसी के साथ पार्टी का वोट शेयर दशकों बाद सिंगल डिजिट में आ गया। यूपी में बसपा का वोट प्रतिशत 9।39 है। वहीं, अगर देश में देखें तो पार्टी का वोट प्रतिशत केवल 2।04 है। वहीं हार के बाद मायावती ने कहा था कि मुसलमानों ने हमे वोट नहीं दिया जबकि मैंने हमेशा इन्हें टिकट दिया।
अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया गलत
बसपा को लोकसभा चुनाव 2014 में भी कोई सीट हाथ नहीं लगी थी। लेकिन इस बार तो पार्टी की हालत और खराब हो गई। बसपा सुप्रीमो का चुनाव अकेले लड़ने का फैसला उन के लिए ही मुसीबत बन गया। वहीं अपने भतीजे आकाश आनंद को चुनाव प्रचार से हटाने का फैसला भी गलत ही साबित हुआ। पार्टी के सभी बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। कुछ बीजेपी में गए और बाकी समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं।
हार के बाद पार्टी में किए अहम बदलाव
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा चीफ मायावती ने पार्टी के संगठन का पुराना सिस्टम ही बदल दिया है। अब पार्टी में सेक्टर व्यवस्था लागू कर दी गई है। प्रदेश को कुल 6 सेक्टरों में बांटा गया है। (Mayawati again ignored young leader Akash Anand) हर सेक्टर में दो से लेकर चार मंडल शामिल किए गए हैं। कई सेक्टरों के इंचार्जों की तैनाती भी कर दी गई है। कई के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है।
2019 में बसपा ने जीत थी इतनी सीट
लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने सपा के साथ गठबंधन किया था। वहीं बसपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव मायावती अकेले लड़ी। सिर्फ एक सीट जीत पाईं। 2024 का लोकसभा चुनाव भी मायावती ने अकेले लड़ने का फैसला किया। मगर उन्हें इस चुनाव में तगड़ा झटका लगा।