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#SarkarOnIBC24: दुनिया के ‘दिग्गजों’ के बीच पीएम मोदी, G7 देशों से संवाद..बढ़ेगा आपसी विश्वास

नई दिल्ली: G7 Summit 2024 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के लिए इटली को चुना है। जहां दुनिया के विकसित देशों के समूह G7 की बैठक बुलाई गई है। इटली के अपुलिया शहर में हो रही इस बैठक में भारत को आउटरीच देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। PM मोदी G7 की बैठक के दौरान दुनिया से तमाम बड़े नेताओं से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेने पर चर्चा करेंगे और रूस-यूक्रेन युद्ध समेत कई जटिल मुद्दो पर भारत का पक्ष रखेंगे।

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G7 Summit 2024 जब दुनिया के विकसित और शक्तिशाली देशों के राष्ट्रध्यक्ष इकट्ठा हो रहे हों, तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे ज्यादा आबादी वाले भारत को कैसे भूल सकते हैं। G7 का सदस्य नहीं होने के बावजूद भारत को इसकी बैठक में हर बार आमंत्रित किया जाता है। G7 की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी अपने पिछले दो कार्यकाल के दौरान दुनिया के सभी प्रमुख देशों का दौरा कर चुके हैं। पीएम जब इन देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मिले तो उनके बीच की केमिस्ट्री देखते ही बन रही थी। मोदी ने दौरे के पहले दिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के साथ आपसी कारोबार बढ़ाने पर जोर दिया। सभी नेताओं ने पीएम मोदी को तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री चुने जाने की बधाई दी। वहीं बात अगर जी7 शिखर सम्मेलन के एजेंडे की करें, तो इटली में 13 से 15 जून तक होने वाले 50वें जी7 शिखर सम्मेलन में दो आउटरीच सत्र होंगे।

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इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन और सप्लाई चेन जैसी चुनौतियों के अलावा यूक्रेन और मध्य पूर्व के युद्ध के मुद्दा छाए रहने की संभावना है। अब आपको बताते हैं कि G7 क्या है और इसकी क्या खास बाते है और इसका सदस्य नहीं होने के बावजूद भारत को इसमें हर बार क्यो बुलाया जाता है, क्या है G7?

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G7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। ये दुनिया के लोकतांत्रिक विकसित और शक्तिशाली राष्ट्रों का समूह है। जी-7 सदस्य देशों की GDP दुनिया की GDP का 45% और दुनिया की 10% से ज्यादा आबादी का प्रतिनिधित्व करती हैं। शुरूआत में G7 देशों का फोकस आर्थिक मुद्दों पर था। फिर धीरे-धीरे शांति, सुरक्षा, आतंकवाद से जुड़ी चिंता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों को भी शामिल कर लिया गया। इसके मेजबान देश को ये अधिकार है कि वो ग्रुप के सदस्य देशों के अलावा भी कुछ और देशों के बुला सके।

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भारत G7 समूह का हिस्सा नहीं है। टली के साथ भारत के मजबूत कूटनीतिक सबंधों के चलते पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भारत के पीएम मोदी को आमंत्रित किया है। पीएम मोदी जी7 से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।

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