#SarkarOnIBC24: मीडिया पर सवाल, काली किसकी दाल? राहुल गांधी ने मीडिया को बताया ब्लैकमेलर
नई दिल्ली: Lok Sabha Chunav 2024 देश में एक तरफ आम चुनाव अपने अंतिम चरणों की तरफ बढ़ रहा है, तो दूसरी तरफ प्रचार के दौर में दिग्गज नेताओँ के बयान गंभीर सवाल पैदा कर रहे हैं। आज के दौर में INDIA गठबंधन और कांग्रेस की सबसे बड़ी होप हैं राहुल गांधी, लेकिन राहुल गांधी जी को देश की सरकार के साथ-साथ अब ज्यूडिशरी, ब्यूरोक्रेसी, इलेक्शन सिस्टम से लेकर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया तक से काफी शिकायतें, काफी नाउम्मीदी है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद राहुल गांधी जी अपने इंटरव्यू में, बयानों में देश की व्यवस्था पर, सिस्टम पर, मीडिया पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
Lok Sabha Chunav 2024 ये बहस छिड़ी है, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस एक सनसनीखेज आरोप के बाद, जिसमें उन्होंने देश के मीडिया को बिकाऊ और ब्लैकमेलर बताया। राहुल गांधी के इस बयान पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सीधे राहुल गांधी को निशाने पर लिया। CM साय ने X-प्लेटफार्म पर एक पोस्ट किया, जिसमें देशभर के मीडिया हाउस को टैग करते हुए। इसी साल राहुल गांधी के एक इंटरव्यू को कोट किया और उस पर घोर आपत्ति जताई। साय ने देशभर के मीडिया हाउस से राहुल के इस इंटरव्यू पर संज्ञान लेने और सवाल उठाने को कहा है।
दरअसल, राहुल गांधी ने 15 मार्च 2024 को अपने इंटरव्यू का एक 10 मिनिट का वीडियो अपने ऑफिशियल यू-ट्यूब चैनल पर पोस्ट किया। इस वीडियो में राहुल गांधी देश के मीडिया को ब्लैकमेलर बता रहे हैं। राहुल ये कहते नजर आए हैं कि देश का मीडिया, पॉलिटिकल पार्टीज को ब्लैकमेल करने वाला सिस्टम बन चुका है। बड़ी बात ये इसके लिए राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि, यहां की सरकार एक हजार करोड़ रुपये मीडिया को विज्ञापन के तौर पर बांटती है, जिसका इस्तेमाल मीडिया पॉलिटिकल पार्टीज पर ही प्रेशर बनाने कि लिए करती है।
CM साय के X-पोस्ट के बाद, प्रदेश में दोनों पक्षों की तरफ से तीखा वार-पलटवार दिखा। कांग्रेस ने कहा कि राहुल की बातों को मुख्यमंत्री ने गलत तरह से पेश किया, तो बीजेपी का कहना है कि राहुल क्या पूरी कांग्रेस पार्टी बौखलाई हुई है।
दुनिया की सबसे पुरानी पार्टी के नेता, देश के सबसे बड़े पॉलिटिकल परिवार के युवा फेस जिन्हें कांग्रेस एक दिन देश की बागडोर संभाले देखना चाहती है। उनका देशके संविधान के आधार स्तंभ पर अविश्वास पैदा करना, उसपर यूं उंगली उठाना कहीं ना कहीं उनकी खुद की पार्टी की मौजूदा और पूर्व की सरकारों पर बड़ा सवालिया निशान लगाता है। क्योंकि इसी संविधान, इसी मीडिया के रहते कांग्रेस देश में, प्रदेश में दशकों तक कई-कई दफा सत्ता पर काबिज रही है। छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं रहा है। सवाल है राहुल गांधी व्यवस्था में सुधार चाहते हैं या इस व्यवस्था को ही खारिज करना चाहते हैं। सवाल तो ये भी उठेगा कि वो जिस सिस्टम की बात अपने वीडियो में कर रहे हैं क्या खुद उनकी सरकारें भी उसका वैसा ही उपयोग करती रही हैं?