चमत्कार या तप..! साढ़े 3 साल से नहीं खाया अन्न का एक दाना, फिर कैसे जीवित है दादा गुरुजी महाराज? डॉक्टर्स कर रहे शोध
Dada Guruji Maharaj : जबलपुर। भारत के कई साधु संत ऐसे है जो बिना खाए अपनी तपस्या में लीन रहते हैं लेकिन कोई व्यक्ति बिना खाए कैसे जीवित रह सकता है। अब इसे चमत्कार कहें या फिर उनके तप की शक्ति..! इसका अंदाजा लग पाना कठिन है लेकिन डॉक्टर्स भी इसका प्रमाण देने में कतराते है। हम और आप अगर व्रत की बात करें तो एक या फिर दो दिन तक ही व्रत रख पाते हैं लेकिन उसमें भी फल जूस को पीते रहते हैं लेकिन क्या आपने सुना है कि कोई केवल जल पीते हुए और अन्न का एक दाना खाए बिना ही तीन सालों से ज्यादा तक रह पाता हो…लेकिन ये सच है…
Dada Guruji Maharaj : आज हम बताने जा रहे हैं मध्यप्रदेश के संत समर्थ दादा गुरु के बारे में…17 अक्टूबर 2020 से दादा गुरु ने भोजन का त्याग कर दिया था लेकिन सोचने वाली बात ये है कि बिना खाना खाए गुरुजी नर्मदा की परिक्रमा कर रहे है। वह भी किसी वाहन से नहीं बल्कि पैदल चलकर…। जबलपुर के संत समर्थ दादा गुरु भैया जी सरकार के इस तप को देखकर अब वैज्ञानिक और डॉक्टर भी हैरान हैं। सरकार ने डॉक्टर्स की एक पूरी टीम गठित की है जो इस महायोगी पर रिसर्च कर इस तपस्या को प्रमाणित करेगी।
कौन हैं दादा गुरु
दादा गुरु, समर्थ भैया जी सरकार संस्कारधानी जबलपुर में अपने समर्थ मिशन आश्रम में रहते हैं। दादा गुरु 17 अक्टूबर 2020 से इस महाव्रत को कर रहे हैं और इसमें वो दिन में कई बार सिर्फ नर्मदा जल ही पीते हैं तो क्या नर्मदा जल में इतनी शक्ति है कि सिर्फ उसे ही पीकर कोई व्यक्ति इतने दिनों तक जिंदा रह सकता है। दरअसल दादा गुरु समर्थ भैया जी सरकार सिर्फ नर्मदा जल पीकर 1300 से ज्यादा दिनों से सिर्फ जिंदा ही नहीं हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक रुप से सक्रिय हैं। इसी महाव्रत को करते हुए वो मां नर्मदा की 3 हजार 2 सौ किलोमीटर की परिक्रमा भी कर चुके हैं। अब विज्ञान के सिद्धांतों को चुनौती देते इस महाव्रत पर सरकार शोध कर रही है।
24 घंटे डॉक्टर करेंगे निगरानी
संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने संत की तपस्या पर शोध करने और इसकी प्रामाणिकता को विश्व स्तर पर प्रमाणित करने के लिए निर्देश जारी किया जिसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता ने एक समिति गठित की है। इस समिति के अध्यक्ष एमपीएमएसयू जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. आरएस शर्मा होंगे, तो मेडिसिन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत पुणेकर और पैथोलॉजी डिपार्मेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश महोबिया सहित नर्मदा मिशन के अध्यक्ष निलेश रावल इस समिति के सदस्य होंगे। इस समिति के द्वारा अगले 7 दिनों तक 24 घंटे लगातार दादा गुरु के स्वास्थ्य एवं दिनचर्या की सतत निगरानी की जाएगी।
सभी जांचों से प्रमाणित करेंगे
इस शोध की सूचना मंगलवार को जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा दादा गुरु को दी जा चुकी है जिसके बाद बुधवार को दादा गुरु शाम लगभग 7 बजे मेडिकल अस्पताल शोध के लिए पहुंच चुके हैं। दादा गुरु को मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस में सीसीटीवी की निगरानी में रखी गई है। समिति के द्वारा दादा गुरु का पल्स रेट, ब्लड प्रेशर , ईसीजी जैसी जांच की गई। आगे दादा गुरु का ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल ,यूरिया, यूरिक एसिड आदि भी जांचा जाएगा और जरूरत अनुसार समिति को जो जांच उचित लगेंगी वह जांच भी की जाएगी। दादा गुरु प्रतिदिन रात के समय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेस्ट हाउस में ही रहेंगे और सुबह उनकी नियमित दिनचर्या समिति की निगरानी में होगी।
बता दें कि गठित की गई समिति जांच के 3 सप्ताह बाद अपनी रिपोर्ट रजिस्टर मेडिकल काउंसिल को सौंपेगी। जानकारी के अनुसार विभाग दादा गुरु पर शोध कर यह भी जानना चाहता है कि आखिर नर्मदा जल में ऐसी कौन से तत्व हैं जिससे किसी व्यक्ति को इतना पोषण मिल सके कि वह इतने लंबे समय तक बिना अन्य ग्रहण किया भी जीवित रह सकता है।