राम मंदिर निर्माण में नही होगा लोहे का इस्तेमाल दो मंजिल व पाँच दरवाजे

सबका संदेश न्यूज नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट से अब जब सबसे बड़े और लंबे मुकदमे का फैसला आ चुका है, तो यहां ये जानना भी दिलचस्प है कि रामजन्मभूमि पर पांच सदी के बाद जो मंदिर बनेगा, वो कैसा होगा. राम मंदिर के आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुर से जानें कैसा होगा अयोध्या का भव्य मंदिर. चंद्रकांत के अनुसार- जिस भव्य और दिव्य राम मंदिर का सपना देखा गया है, वो दो मंज़िला होगा, पहली मंज़िल की ऊंचाई 18 फीट और दूसरी मंज़िल की ऊंचाई 15 फीट 9 इंच होगी. बीते 28 वर्षों से राजस्थान, गुजरात, मिर्जापुर और देश के कई हिस्सों से आए कारीगर कार्यशाला में करीब एक लाख घनफुट पत्थरों की तराशी का काम कर चुके हैं. अब देश रामलला को भव्य भवन में विराजमान होते देखेगा. जिसकी कामना पांच सदी से होती रही है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों में जिज्ञासा है कि आखिर अयोध्या में भव्य राम मंदिर कैसा बनेगा? इसका जवाब जाने माने आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा के पास है जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर की डिजाइन तैयार की है. चंद्रकांत भाई सोमपुरा वही आर्किटेक्ट हैं जिन्होंने 30 साल पहले राम मंदिर की रेप्लिका बनाई थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की डिजाइन का खुलासा कर दिया है. यह मंदिर नागर शैली में बना अष्ट कोणीय होगा. मंदिर में भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा. इस मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे. यह मंदिर अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा. मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय वगैरह भी होंगे.
चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने अयोध्या के राम मंदिर का जो नक्शा बनाया है उसके अनुसार यह मंदिर दो मंजिला का होगा. इस मंदिर की लंबाई 270 मीटर और चौड़ाई 140 मीटर होगी. मंदिर 125 मीटर ऊंचा होगा. मंदिर में जाने के लिए पांच दरवाजे होंगे. मंदिर में सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भ गृह और परिक्रमा मार्ग होगा. इस मंदिर के निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसके पीछे कारण यह है कि लोहा जंग लगने के कारण पत्थरों को कमजोर कर देता है. दो मंजिल के मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा नीचे की मंजिल में होगी. ऊपरी मंजिल में राम दरबार होगा. मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा. यह मंदिर 221 पिलर पर खड़ा होगा. मंदिर में आवागमन के लिए 24 द्वार बनाए जाएंगे. मंदिर के प्रत्येक खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं. यह मूर्तियां देवी-देविताओं की हैं.
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