धर्म

मई-जून में नहीं बजेगी शहनाई, 24 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, महीने में बस एक दिन विवाह का शुभ मुहुर्त

बाड़मेर:- शादियों के लिए मई-जून का महीना हमेशा से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. लेकिन इस साल इन दो महीनों में कोई शादी की शहनाई सुनाई नहीं देगी. अगले दो महीने शादी का कोई शुभ मुहुर्त नहीं है. बताया जा रहा है कि ऐसा 24 साल बाद हुआ है, जब मई और जून के महीने में शादी का कोई शुभ मुहुर्त नहीं है. बताया जा रहा है कि 28 अप्रैल से शुक्र तारा के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है.ज्योतिषियों की मानें, तो गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने पर शादी नहीं करनी चाहिए. ऐसे में इस महीने की 28 अप्रैल से शुक्र तारा के अस्त होने के चलते मई और जून महीने में कोई विवाह मुहूर्त नहीं है. इसके बाद 2 जुलाई से विवाह मुहूर्त है. वहीं जुलाई 16 से लेकर 12 नवंबर तक चातुर्मास होने के कारण विवाह मुहूर्त नहीं है. ऐसा 24 साल बाद हुआ है, जब मई और जून के महीने में शादी का कोई शुभ मुहुर्त नहीं है.मई में सिर्फ एक दिन है शुभ मुहूर्त 
लेकिन अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त विवाह के लिए माना जाता है, जो 10 मई को है. ऐसे में अबूझ मुहूर्त के चलते इस दिन विवाह अधिक संख्या में होंगे. कहा जाता है कि भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए शयन मुद्रा में चले जाते हैं. इसलिए इन चार महीनों में विवाह के मुहर्त नहीं किए जाते है. 12 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी से विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और लगातार 14 दिसंबर तक चलेंगे.इन शुभ कार्यों पर रहेगी पाबंदी
बाड़मेर के गांव गुरु ज्योतिष शास्त्र पंडित ओमप्रकाश जोशी के मुताबिक शुक्र ग्रह अस्त होने पर कुआं, बावड़ी खोदना और विवाह, सगाई, गृह प्रवेश कार्य करने की पूर्ण मनाही रहती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह ऐसा ग्रह है, जिसके बगैर शुभ कार्य करने की कल्पना नहीं की जा सकती है. ऐसे में शुक्र के अस्त होने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. शुक्र ग्रह को ऊर्जा का तारा कहा जाता है.

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