CG Ki Baat: शेर…सियार…श्वान….जुमलों का घमासान! नेताओं के वार-पलटवार में मिट गए पार्टियों की डिक्शनरी से मर्यादित शब्द…

CG Ki Baat | CG Politics: रायपुर। चुनावी माहौल में छत्तीसगढ़ के सियासी रण में नेताओं की भाषा, वार-पलटवार में शब्दों का स्तर हर लक्ष्मण रेखा को पार कर रहा है। दलों की खुद की गरिमा को तार-तार कर रहा है। पहले विपक्ष के सीनियर नेताओं का लाठी, डिफाल्टर, सिर फोड़ने वाले बयान और अब जवाब में नेताओं-पार्टियों को कुत्ते, शेर, सियार जैसे जानवरों की उपमा देना। जनता भी सोच रही है आखिर छत्तीसगढ़ में क्या कोई मुद्दे नहीं बचे या मर्यादा जैसे शब्द पार्टियों की डिक्शनरी से मिट गए।
बीते कुछ दिनों से PM मोदी के खिलाफ कांग्रेस के सीनियर नेताओं के बिगड़े बोल पर बहस जारी है। इसी बीच पलटवार करते हुए बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर, कांग्रेस नेताओं की तुलना श्वान यानि कुत्ते से की। साथ ही कांग्रेस पर तंज कसते हुए लिखा। कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं हो सकती। कुछ यही हाल कांग्रेसी खेमे का है।
इस वीडियो में दर्शाया है कि चरणदास महंत और कवासी लखमा के बीच, कौन ज्यादा बड़ा बद्तमीज है इसके लिए जोर आजमाईश चल रही है। मंत्री केदार कश्यप ने पार्टी के इस पोस्टर लाइन पर दो कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि कांग्रेस की भाषा भौंकने वाली है और कांग्रेस की स्थिति कुत्ते से बद्तर हो चुकी है। मंत्री केदार कश्यप ने मोदी को शेर और विपक्ष को सियार बताते हुए कहा कि सियार के हुआं-हुआं करने से शेर नहीं भागता।
तो बीजेपी नेता इस वीडियो और इन शब्दों को कांग्रेसी नेताओं के बिगड़े बोल की प्रतिक्रिया बताते हैं जबकि, विपक्ष इस वीडियो को कांग्रेस का खुला अपमान मानती है। कांग्रेस संचार प्रमुख ने इस वीडियो और उसमें इस्तेमाल मुहावरे को भाजपा के चरित्र जैसा बताते हुए पलटवार किया है।
CG Ki Baat | CG Politics: कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में सियासी आरोप-प्रत्यारोप में नेताओं की भाषा और उपमा हदें पार कर रही है। सारी मर्यादाओं को भूलकर नेता एक-दूसरे को शेर, सियार और कुत्ते बताने पर तुले हैं तो आमजनता एक-दूसरे को जानवर बताने की प्रतिस्पर्धा देख भौंचक्का है…सवाल है कि क्या अब अपने काम, दावे-वादे, बताने को कुछ और नहीं है। जो सभाओं और प्रेस-कॉन्फ्रेंस में… जहरीले बोल, जवाबी वीडियो और FIR पर बहस जारी है?