Vidisha Maa Jwala Devi Mandir: इस मंदिर के लिए मुस्लिम जागीरदार ने दी थी जमीन, जहां दिन में तीन रूप बदलती हैं मां ज्वाला देवी…
Vidisha Maa Jwala Devi Mandir: विदिशा। विदिशा का दुर्गा नगर कभी पूरा जंगल हुआ करता था। जहां मंदिर है इस जमीन को उस वक्त के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया ने दरगाह के लिए एस मुस्लिम को दान दी थी। लेकिन कुछ समय बाद मुस्लिम समाज के शरीफ जागीरदार ने दुर्गा मंदिर के निर्माण के लिए यह जमीन दान में दी थी। यहां की माता एक दिन में तीन रुप बदलती हैं। बता दें कि विदिशा के दुर्गानगर में विराजी हैं मां ज्वाला…. जहां नवरात्र में ही नहीं बल्कि सालभर जगमगाती हैं अखंड ज्योतियां, जो जिस कामना को लेकर मंदिर में ज्योति स्थापित कराता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। तो चलिए आपको लिए चलते हैं मां ज्वाला के दिव्य दरबार।
दरबार में होती हैं अखंड ज्योतियां प्रज्जवलित
ज्वाला माई के दरबार में अखंड ज्योतियां जगमगाती है। जिसने जिस मन्नत को लेकर इस धाम में अखंड ज्योति जलाई उसकी मनोकामना जरुरी पूरी करती हैं। विदिशा के दुर्गानगर में विराजी मां ज्वाला। ये धाम इसलिए भी विशिष्ट माना जाता है क्योंकि इस मंदिर में साल के 365 दिन जलती हैं अखंड ज्योतियां ।नवरात्र में तो मंदिर का कोना-कोना जगमगा उठता है अखंड ज्योतियों से। आम से लेकर खास तक अपनी मनोकामनाओं को लेकर ज्योति कलश की स्थापना कराते हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में बैठे श्रद्धालुओं के नाम से भी ज्वाला देवी के दरबार में अखंड ज्योतियां प्रज्जवलित होती हैं।
ज्वाला मां की प्रतिमा चमत्कारी
इस मंदिर के पुजारी कहते हैं कि ज्वाला मां के इस मंदिर की स्थापना को लेकर कहा जाता है कि गांव के ही रहने वाले एक पुजारी को स्वंय मां ज्वाला ने स्वप्न देकर प्रतिमा स्थापित कराने को कहा था। इसके बाद मंदिर निर्माण शुरु हुआ जिसके लिए एक मुस्लिम श्रद्धालु ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान में दी। आज भव्य मंदिर में विराजी हैं मां ज्वाला। मंदिर में स्थापित ज्वाला मां की प्रतिमा चमत्कारी मानी जाती है ऐसी मान्यता है कि मां ज्वाला दिन में तीन रूप बदलती है। सुबह में युवावस्था दोपहर वृद्धावस्था और को शाम कन्या रूप में दर्शन होते हैं। वैसे तो सालभर ज्वाला मां के इस दरबार में आस्था का मेला लगता है लेकिन नवरात्रि में तो जय माई के जयकारों से गूंज उठता है ये पूरा इलाका।
दिन में तीन बार बदलता है रूप
Vidisha Maa Jwala Devi Mandir: ज्वाला देवी शक्तिपीठ में मां दिन में तीन रूप बदलती हैं। रात 8:00 बजे से 12:00 बजे तक 35 वर्ष की आयु और दोपहर 12 से 4 बजे में बुजुर्ग का रूप लेती हैं। शाम 4:00 से 8:00 बजे में कन्या का रूप लेती हैं निरंतर ऐसे दर्शन करते आ रहे महंत रामेश्वर दयाल ने बताया कि इस मंदिर में लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।