छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के रडार में आए प्रदेशभर के कलेक्टर, कहा – राजस्व प्रकरण के निराकरण में देरी हुई तो उनके खिलाफ होगी कार्रवाई

मुख्यमंत्री के रडार में आए प्रदेशभर के कलेक्टर, कहा – राजस्व प्रकरण के निराकरण में देरी हुई तो उनके खिलाफ होगी कार्रवाई॥

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.
रायपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में बेवजह लेट-लतीफी पर गहरी नाराजगी जतायी है। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टरों को राजस्व से संबंधित सभी प्रकार के लंबित मामलों को तेजी से निराकृत करने के सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्व मामलों के निराकरण में लेट-लतीफी के लिए सीधे कलेक्टरों को जिम्मेदार मानकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री स्वयं फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में जिला कलेक्टरों की बैठक लेकर जिलेवार राजस्व प्रकरणों जैसे- नामान्तरण, सीमांकन, डायवर्सन भूमि आबंटन, व्यवस्थापन तथा फ्री-होल्ड प्रकरणों के साथ ही अवैध निर्माण का नियमितिकरण तथा नगरीय निकायों को एक रूपये प्रति वर्ग फीट की दर से भूमि आवंटन आदि की समीक्षा करेंगे।
राज्य में राजस्व प्रकरणों का निराकरण मुख्यमंत्री की मंशा और राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसको लेकर शासन द्वारा समय-समय पर निरंतर निर्देश जारी किए जाते रहे है।
लेकिन अपेक्षा अनुरूप प्रगति न होने के मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है। यही नहीं लंबित राजस्व प्रकरणों की स्वयं समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के माध्यम से लगातार लोगों से बातचीत कर रहे है। विभिन्न योजनाओं के साथ ही उनके राजस्व संबंधी मामलों के बारे में भी फीडबैक ले रहे है। लगभग सभी जगह नामान्तरण, सीमांकन, डायवर्सन और भूमि आबंटन के लंबित मामलों की शिकायते मिल रही है। लगातार वे लंबित मामलों का तत्परता से निराकरण करने के निर्देश भी अधिकारियों को दे रहे है। लेकिन जिस तेजी मामले निराकृत होने चाहिए नही हो रहे है।

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