छत्तीसगढ़

कभी हाथ पकड़ता तो कभी गाल छूता, कपड़ों पर करता था कमेंट, गुस्‍साई महिला कर्मचारी ने क्‍लर्क की जमकर की पिटाई, Video वायरल

सुकमा। Clerk Beaten by Woman in Sukma: छत्‍तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले में एक महिला कर्मचारी के साथ अश्‍लील हरकत करना जिला पंचायत विभाग के क्‍लर्क को महंगा पड़ गया। आशिक मिजाज क्‍लर्क के अश्‍लील हरकतों से परेशान महिला कर्मचारी ने जमकर पिटाई कर दी। क्‍लर्क के पिटाई का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। महिला कर्मचारी ने क्‍लर्क पर अश्‍लील हरकत और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।

क्‍लर्क महिला कर्मचारियों के कपड़ों पर करता है अभद्र टिप्पणी

दरअसल, यह मामला सुकमा जिला पंचायत विभाग का है। यहां महिला कर्मचारी ने विभाग में कार्यरत क्‍लर्क पर अश्‍लील हरकत और अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला कर्मचारी का आरोप है कि कर्मचारी की गंदी हरकतों से आफिस में कार्यरत महिला कर्मचारी परेशान हैं। क्‍लर्क महिला कर्मचारियों को अपने पास बुलाता और उनके कपड़ों पर अभद्र टिप्पणी और छेड़छाड़ करता है।संकोच की वजह से महिला कर्मचारी नहीं करती थी शिकायत

इतना ही नहीं आफिस टाइम के बाद महिला कर्मचारियों को कार्यालय में बिठाकर कभी निजी जीवन के बारे में पूछता तो कभी हाथ पकड़, गाल छूता था। लेकिन महिला कर्मचारी संकोच और सीनियर अधिकारियों के दबाव की वजह से क्‍लर्क की शिकायत नहीं कर पाती थीं।

लेकिन पीड़ित महिला कर्मचारी का गुस्‍सा उस वक्‍त भड़क गया जब शिकायत के 15 दिन बाद भी क्‍लर्क के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने क्‍लर्क की आफिस में जमकर धुनाई कर दी। वहां मौजूद लोगों ने क्‍लर्क की पिटाई का वीडियो बना लिया। यह वीडियो इंटरनेट मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

पीड़िता ने दूसरी बार की शिकायत

पीड़िता ने शिकायत में बताया कि उसने 13 फरवरी को क्‍लर्क के खिलाफ शिकायत की थी कि लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर पीड़िता ने दूसरी बार सुकमा के जिला पंचायत के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के साथ कलेक्‍टर, बस्‍तर संभाग के कमिश्‍नर और राज्‍य महिला आयोग को पत्र लिखकर क्‍लर्क के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

पीड़िता का कहना है कि महिला कर्मचारी को प्रशासन का हिस्सा तो बताया जाता है, लेकिन महिलाएं कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। इतना ही नहीं शिकायतों पर न तो ध्‍यान दिया जाता है और न ही उसकी कोई जांच की जाती है। उल्टा हमें ही गलत कहा जाता है।

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