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फिर एक बार जीवनदायनी बनी बाइक एम्बुलेंस  सुरक्षित स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच, दुलारी ने दिया दुलारे को जन्म 

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ-

फिर एक बार जीवनदायनी बनी बाइक एम्बुलेंस 
सुरक्षित स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच, दुलारी ने दिया दुलारे को जन्म 
 
नारायणपुर  – एक बार फिर नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के अन्दरूनी गांव कोडोली की गर्भवती महिला श्रीमती दुलारी को बाइक एम्बुलेंस से सुरक्षित अस्पताल लाकर संस्थागत प्रसव कराया गया। ग्राम धनोरा के स्वास्थ्य केन्द्र में दुलारी ने एक प्यारे-दुलारे बच्चे को जन्म दिया। साथी समाज सेवी संस्था के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहतन रंग लायी। उन्होंने श्री फूलराम और उनकी पत्नी श्रीमती दुलारी के जीवन में नया रंग भरा। फिर एक बार जीवनदायनी बनी बाइक एम्बुलेंस। इससे पहले बाइक एम्बुलेंस ने अन्दरूनी गांव की कई गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को सुरक्षित नजदीक स्वास्थ्य केन्द्रों में पहुंचा कर उनकी जान बचाई है। घनघोर जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे गांव में गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के लिए निःशुल्क परिवहन सेवा का काम कर रही है। 
बतादें कि विगत दिवस साथी संस्था के कार्यकर्ता श्री बीरसिंह कोर्राम जब गहरी नींद में सोया हुआ था, तभी अचानक तड़के उसके मोबाइल की घंटी से उसकी आंख खुली। देखा हिकपुला गांव से श्री मनीराम नाम के व्यक्ति का फोन आया है। उसने बताया कि कोडोली के श्री फूलराम की पत्नी श्रीमती दुलारी प्रसव पीड़ा से कहरा रही है, वह चलने में भी असमर्थ है। उन्होंने तत्काल मदद की गुहार लगायी। श्री बीरसिंह ने बिना देर किये धनोरा स्वास्थ्य केन्द्र में मोटर बाइक पायलट और कांउसलर को फोन करके ग्राम कोडोली आने की बात कही। इत्फाकन उस दिन बेहतर मोबाइल नेट कनेक्टिविटी के कारण यह सब संभव हो सका। 
मोटर बाइक एम्बुलंेस उबड़-खाबड़ कच्ची पगडंडियों पर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। सही दूरी तय करने में पायलट, एम्बुलेंस को मुश्किल आ रही थी। बीच में नदी-नालों के कारण वह आगे नहीं बढ़ सका। दुलारी का घर नदी के उस पार था। इस कारण दुलारी की गंभीर स्थिति को भांप कर तत्काल डोला बनाकर उसे नदी के इस पार लाया गया। उसके बाद मोटर बाइक के जरिए पूरी सावधानी के साथ धीरे-धीरे सुरक्षित धनोरा स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। जहां नर्स कंचन और सविता नेताम ने दुलारी का सुरक्षित प्रसव कराया। दुलारी ने एक प्यारे बच्चे को जन्म दिया। डिस्चार्ज होने के बाद दुलारी और बच्चे को मोटर बाईक एम्बुलेंस से वापस उसके गांव छोड़ा गया। दुलारी ने शासन, प्रशासन और स्वास्थ्य अमले को धन्यवाद दिया। मालूम हो कि साथी समाज सेवी संस्था जिला प्रशासन के सहयोग से नारायणपुर जिले में लगभग 8 वर्ष से स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता और लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। 

 

 

 

 

 

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