धर्म

महाशिवरात्रि पर बन रहे 4 शुभ संयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी पूजा, शिव कृपा से कोई नहीं रहेगा खाली हाथ

इस साल 2024 में महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च दिन शुक्रवार को है. महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को होती है, इसे फाल्गुन मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं. इस बार महाशिवरात्रि पर 4 शुभ संयोग बनने वाले हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र और शिव योग के साथ मकर राशि का चंद्रमा होगा. इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्ध योग भी बनेगा. इन 4 शुभ संयोग में महाशिवरात्रि की पूजा शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने वाली है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर कब कौन सा योग है और उसका क्या प्रभाव हो सकता है.फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की शुरूआत: 08 मार्च, शुक्रवार, रात 09:57 बजे सेफाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि की समाप्ति: 9 मार्च, शनिवार, शाम 06:17 पीएम परमहाशिवरात्रि निशिता पूजा मुहूर्त: देर रात में 12:07 एएम से 12:56 एएम तकदिन में महाशिवरात्रि की पूजा का समय: ब्रह्म मुहूर्त 05:01 एएम से प्रारंभ

सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:38 बजे से सुबह 10:41 बजे तक2. शिव योग: सूर्योदय से 09 मार्च, 12:46 एएम तक3. सिद्ध योग: 09 मार्च, 12:46 एएम से रात 08:32 पीएम तक4. श्रवण नक्षत्र: प्रात:काल से 10:41 एएम तक, फिर धनिष्ठा नक्षत्र

सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो कार्य करेंगे, उस कार्य की सिद्धि होगी यानी सफलता की प्राप्ति होगी. यदि सर्वार्थ सिद्धि योग शुक्रवार या गुरुवार के दिन बनता है तो उस दिन कोई भी तिथि हो, उसके प्रभाव का क्षय नहीं होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग में महाशिवरात्रि की पूजा आपके मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा है.शिव योग
यह योग शुभ योगों में से एक है. शिव योग में साधना, मंत्र जाप आदि के लिए अच्छा होता है. महाशिवरात्रि के दिन बना शिव योग आपको शुभ फल प्रदान करने वाला है.

सिद्ध योग
महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त के समय सिद्ध योग होगा और महाशिवरात्रि व्रत के पारण के समय भी सिद्ध योग है. इस योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता और सफलता प्रदान करते हैं. वे विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले हैं. इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं. किसी भी कार्य में सिद्धि के लिए इस योग को प्राथमिकता देते हैं. महाशिवरात्रि पर आप इस योग में जिस भी मनोकामना से शिव पूजा करेंगे, वह पूर्ण हो सकती है.

श्रवण नक्षत्र
इस नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और वे भगवान शिव के परम भक्त हैं. इस नक्षत्र में जो भी कार्य किए जाते हैं, वे सामान्यतया शुभ माने जाते हैं. जो लोग श्रवण नक्षत्र में जन्म लेते हैं, वे धनी, सुखी और प्रसिद्ध होते हैं. शनिवार के दिन श्रवण नक्षत्र अतिशुभ माना जाता है.

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