छत्तीसगढ़

भरपूर पानी इसलिए महानदी पार नहीं कर सकते हाथी, पानी कम होने पर ही जंगल लौट सकेंगे

 सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ पलारी- जंगली हाथियों का झुंड जंगल के रास्ते से होकर महानदी पार कर बलौदाबाजार-रायपुर जिले के मैदानी इलाकों में पिछले 4 दिनों से भटक रहा है। बुधवार को लगातार चलते हुए हाथियों ने करीब 40 से 50 किलोमीटर का सफर तय कर आरंग ब्लॉक के ग्राम भंडारपुरी के नाले में डेरा डाल दिया है, जिसकी निगरानी वन अमला लगातार कर रहा है। इस बीच बड़ी खबर ये है कि महानदी में पानी भरपूर है जिससे हाथी जंगल वापस नहीं जा सकते, वे नदी पार कर ही मैदानी इलाके में पहुंचे हैं।

जिस रास्ते से हाथियों ने मैदानी इलाकों में प्रवेश किया है, उस रास्ते पर महानदी पड़ती है जिसमें इन दिनों भरपूर पानी चल रहा है। नदी के उस पार जंगल है और इस पार मैदानी इलाका। हाथी अभी इस पार मौदानी इलाके में हैं। जब हाथियों ने रविवार को नदी पार की तो महानदी में पानी कम था मगर पानी की आवक ज्यादा होने से मंगलवार से समोदा डैम से पानी छोड़ने और पानी खाली करने खेत फोड़ देने से महानदी सहित सारे एनीकट व नाले उफान पर हैं। ऐसे में हाथी उफनती नदी को पार नहीं कर सकते।

20 किमी दूर तक गांवों में दहशत: हाथियों का दल लगातार खेतों के रास्ते ही आगे बढ़ रहा है जिससे धान की फसल को काफी नुकसान हो रहा है वहीं किसान भी हाथियों की मौजूदगी के भय से खेतों में काम करने नहीं जा रहे हैं। हाथियों की दहशत 20-20 किलोमीटर दूर गांवों तक देखी जा सकती है। लोग दिन भर एक दूसरे से हाथी की लोकेशन लेते रहते हैं।

पलारी. महानदी उफान पर होने से अमेठी एनीकट पर दो फीट पानी है।

ज्यादा पानी होने पर नदी पार नहीं करते हाथी: डीएफओ

डीएफओ आलोक तिवारी का कहना है कि महानदी के उफान पर रहने और नदी से हाथियों की दूरी करीब 12 से 13 किलोमीटर है, जिससे उनको वहां तक पहुंचने में दो तीन दिन का समय लग सकता है। जब तक नदी उफान पर रहेगी हाथी जंगल नहीं जा सकते क्योंकि हाथी ज्यादा पानी होने पर नदी पार नहीं करते। जब हाथियों का झुंड बलौदाबाजार जिले में प्रवेश करेगा तो जंगल में खदेड़ने के लिए रास्ता ब्लॉक कर उसे नदी पार कराया जाएगा। इसके लिए उन क्षेत्रों में धारा 144 लागू करनी पड़ेगी।

 

 

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