छत्तीसगढ़

कौन बनेगा CG का CM रविवार को भाजपा विधायकों की बैठक के बाद ख़त्म होगा इंतजार।

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
Smart City Bilaspur…
छत्तीसगढ़ में भाजपा के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की बैठक विधायक दल का नेता और अगला मुख्यमंत्री चुनने के लिए रविवार को होगी।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर इंतजार खत्म होगा।
भगवा पार्टी ने पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी।

पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को बताया “भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होगी। पार्टी के तीन पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम बैठक में मौजूद रहेंगे।” .

अरूण साव का कहना है कि भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे।

2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 90 में से 54 सीटें जीतीं है, वहीं 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई। चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) भी एक सीट जीतने में कामयाब रही।

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर बीजेपी ने पार्टी के दिग्गज नेता डॉ.रमन सिंह को नहीं चुना, जो 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, तो वह किसी ओबीसी या आदिवासी विधायक को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री होंगे।

आदिवासी समुदाय से दावेदार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय को देखा जा रहा है।

राज्य की आबादी में आदिवासी समुदायों की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और बीजेपी ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें जीतीं, सूरजपुर जिले की अनारक्षित प्रेमनगर सीट से भी पार्टी का एक आदिवासी उम्मीदवार जीता, इसके पहले भाजपा ने 2018 में आदिवासियों के लिए आरक्षित केवल तीन सीटें जीती थीं।

भाजपा ने आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में भी जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीटें जीतीं थीं। बदली हुई परिस्थितियों में बीजेपी इसे राज्य में उसकी शानदार जीत की कुंजी के रूप में देख रही है। विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं।

राज्य भाजपा प्रमुख साव, जिन्होंने विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है, और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी, दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। वे भी संभावित सीएम उम्मीदवारों में से हैं।

अरूण साव प्रभावशाली साहू (तेली) समुदाय से आते हैं जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभाग में बड़ी संख्या है। राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है।

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