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अप्रत्याशित नतीजा ने सबको चौकाया जिसको समझते थे कमजोर वहीं निकले सबसे मजबूत

अप्रत्याशित नतीजा ने सबको चौकाया जिसको समझते थे कमजोर वहीं निकले सबसे मजबूत

भिलाई। एक ओर जहां अधिकांशतर चैनलों से कांग्रेस को भारी बहुमत में आने का दावा किया जा रहा था लेकिन जब 3 दिसंबर को आये अप्रत्याशित चुनाव का परिणाम ने सबको चैका दिया। भाजपा के जिन जिन प्रत्याशियों को सबसे कमजोर प्रत्याशी माना जा रहा था वहीं सबसे सबसे मजबूत प्रत्याशी निकले और कांग्रेस के दिग्गजों को बडे अंतर से पराजित उन्होंने ही किया। दुर्ग जिले के छह में से चार विधानसभा में भाजपा का परचम लहराया है। पाटन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और भिलाई नगर से देवेंद्र यादव ने अपनी जीत बरकरार रखी। जिन चार विधानसभा में भाजपा प्रत्याशियों की जीत हुई है। उनमें से तीन वैशाली नगर, दुर्ग ग्रामीण और दुर्ग शहर के प्रत्याशियों को शुरुआती दौर में कमजोर आंका जा रहा था। लेकिन इन तीनों ही प्रत्याशियों ने अपनी शानदार विजयी प्रदर्शन से राजनीतिक गलियारे को चौंका सा दिया है। भाजपा ने वैशाली नगर से रिकेश सेन, दुर्ग ग्रामीण से ललित चन्द्राकर और दुर्ग शहर से गजेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था और इन तीनों ही प्रत्याशियों ने शानदार जीत दर्ज किया है। वैशाली नगर भाजपा प्रत्याशी रिकेश सेन ने 40074 मतों के विशाल अंतर से कांग्रेस के मुकेश चन्द्राकर को हराया। वहीं दुर्ग ग्रामीण में भाजपा प्रत्याशी ललित चन्द्राकर ने प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सरीखे दिग्गज कांग्रेस नेता को 16642 मतों से पटकनी दी है। जबकि दुर्ग शहर में भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के अनुभवी विधायक अरुण वोरा को 48697 मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी। दुर्ग शहर से गजेंद्र यादव को भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद राजनीति में गहरी पकड़ रखने वालों ने कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण वोरा को वाक ओवर मिलने का दावा करने में देर नहीं लगाई। भाजपा के अंदर भी गजेंद्र की उम्मीदवारी से किसी तरह का उत्साह देखने को नहीं मिला। लेकिन जैसे जैसे चुनाव प्रचार परवान चढ़ता गया। भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव की मतदाताओं में पैठ बढ़ती चली गई। बावजूद इसके किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि गजेंद्र यादव इस तरह से अरुण वोरा जैसे दिग्गज नेता को पटकनी देने में सफल होंगे। इसी तरह का अप्रत्याशित नतीजा दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में भी माना जा रहा है। यहां पर भी दिग्गज नेता और प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ  ललित चन्द्राकर को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर कांग्रेस की आसान जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी। लेकिन ऐसा नहीं होने से राजनीतिक गलियारा हतप्रभ रह गया है। वैशाली नगर से रिकेश सेन को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया तो पार्टी के अनेक नेताओं की नाराजगी देखने को मिली। रिकेश की निजी बातों को भी नकारात्मक ढंग से मतदाताओं तक पहुंचाया गया। इससे उनके चुनाव में प्रदर्शन को लेकर संदेह की स्थिति बनी। लेकिन आखिरकार उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज कर सारे पूर्वानुमान को ध्वस्त कर दिया। देवेन्द्र ने तोडा मिथक,लगातार  दूसरी बार बने विधायक भिलाई नगर विधानसभा में मतदाताओं ने देवेंद्र यादव की विधायकी बरकरार रख फिर एक बार अनुभवी के बजाय युवा जोश पर विश्वास जताया है। इस जीत के साथ ही देवेंद्र ने लगभग 30 साल से चली आ रही उस मिथक को भी तोड़ दिया है जिसमें एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा को विधायकी मिलने की बात कही जा रही थी। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में देवेंद्र यादव का मुकाबला दूसरी बार भाजपा के अनुभवी नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय से हुआ। इस मुकाबले में देवेंद्र यादव 1264 वोट से जीत दर्ज कर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। चुनाव के दौरान उन्होंने अपने जनसंपर्क यात्रा को विश्वास यात्रा का नाम दिया था। उनकी जीत ने यह बता दिया कि भिलाई वासियों का विश्वास उन पर कायम है।

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