छत्तीसगढ़ के इस अभ्यारण में चलेगा ऑपरेशन बायसन, कुमकी हाथियों की मदद से किया जाएगा रेस्क्यू, जानें क्यों
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रायपुरः छत्तीसगढ़ के सुंदर अभयारण्यों में से एक, नवापारा अभ्यारण्य में, हाथियों की मदद से एक ऑपरेशन बायसन चलाया जाएगा. इसके लिए, महासमुंद जिले से लाए गए कुमकी हाथी तीरथराम और परशुराम को रेस्क्यू के लिए उपयोग किया जा रहा है. इन हाथियों को जंगली जानवरों को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने के लिए कुमकी हाथी का सहारा लिया गया है.कुमकी हाथी के महावत हबीर मिंज ने बताया है कि ये हाथी जंगली हाथी से काफी अलग होते हैं और तीरथराम एवं परशुराम महावत के अनुसार, इनका काम भी विभिन्न है. इन हाथियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जब जंगली जानवर बीमार पड़ते हैं या घायल होते हैं, तो कुमकी हाथी के साथ मिलकर उनका इलाज किया जाता है. खासकर जंगली हाथियों को नियंत्रित करने में उनका विशेष योगदान होता है. इस बार इन हाथियों को बार नवापारा अभ्यारण के बयासनों को रेस्क्यू करने के लिए उपयोग किया जाएगा.
बायसनों के साथ मित्रता बढ़ाने का प्रयास
महावत हबीर मिंज ने आगे बताया कि कुमकी हाथी की सहायता से ट्रेंकुलाइजर करके 40 बायसनों को गुरु घसीदास नेशनल पार्क, कोरिया में शिफ्ट किया जाएगा. इन हाथियों को महावत और डॉक्टर सवार के साथ ट्रेंकुलाइज किया जाएगा. फिलहाल, ये हाथी बार नवापारा के श्रीरामपुर में रखे गए हैं और यहां के वातावरण में ढलने के साथ-साथ बायसनों के साथ मित्रता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ऑपरेशन बायसन सफल हो सके.