छत्तीसगढ़

बिलासपुर पुलिस के निजात अभियान के तहत नशे के विरुद्ध लगातार प्रहार का दिख रहा अपराधों में कमी के रूप में जोरदार असर और इसके प्रभाव में चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए।

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
Smart City Bilaspur…
अभियान के दस माह में पिछले सालों की इसी अवधि की तुलना में आईपीसी के कुल अपराधों में 20 फीसदी की कमी।
एनडीपीएस व आबकारी में ताबड़तोड़ कार्यवाही में कुल 3,861 प्रकरणों में 4,009 व्यक्ति गिरफ्तार हुए जिसमे गैर- जमानतीय प्रकरणों में 736 आरोपी जेल गए। 33,818 लीटर शराब जप्त।
मारपीट में 10%, हत्या के प्रयास में 64 %, हत्या में 43 %, चाकूबाजी में 55 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 37 फीसदी और चोरी में 23% की आई कमी।
नशे के विरुद्ध वृहद जनजागरुकता के तहत 3,412 कार्यक्रम किए गए। थानों में नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग हो रही, जिससे सैकड़ों लोग नशे से हुए दूर।

इस वर्ष फरवरी माह से डीजीपी अशोक जुनेजा के निर्देशन में आईजी बिलासपुर अजय यादव व पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष सिंह के मार्गदर्शन में अवैध नशा के विरुद्ध अभियान निजात चलाया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष सिंह के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जायसवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अर्चना झा के पर्यवेक्षण में बिलासपुर के सभी थाना प्रभारियों द्वारा उनके क्षेत्र में अवैध नशा के कार्य में संलिप्त लोगों के विरुद्ध ताबड़तोड़ तरीके से कार्यवाही व व्यापक जागरूकता कार्यक्रम किए गए है।

एसपी संतोष सिंह ने बताया कि कुल अपराधों में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी होकर 11,086 अपराध दर्ज हुए है, जो की मुख्यतः एनडीपीएस और आबकारी में बढ़ी कार्यवाहियां की वजह से हैं।

अभियान दौरान आबकारी के 3,698 प्रकरणों में कुल 3,804 व्यक्ति व एनडीपीएस के 163 प्रकरणों में कुल 205 आरोपी गिरफ्तार हुए है तथा 1.65 करोड़ कीमत के नशीले पदार्थ की जप्त हुई है। आबकारी में गिरफ्तार लोगों में बड़ी संख्या सार्वजनिक स्थलों पर शराब सेवन कर हुडदंग करने वाले लोग हैं और कुल 33,818 लीटर अवैध शराब जप्त हुई। एनडीपीएस प्रकरणों में गांजा और अन्य नशीली वस्तुएं जप्त हुआ। कार्यवाहियों से अपराधियों में दहशत हुई हैं।

कोटपा में 650 लोगों पर कार्यवाही हुई। नशा में गाड़ी चलाने वाले 1,307 लोगों पर एमवी एक्ट के कार्यवाही करते हुए प्रत्येक प्रकरण को कोर्ट भेजा गया, जहां प्रत्येक ऐसे चालक पर दस-दस हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।

नशे के विरुद्ध जनजागरुकता के तहत लोगों के सहयोग से स्कूल कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर कुल 3,412 कार्यक्रम किए गए और आदी सैकड़ों लोगों की लिस्टिंग कर उनकी विभिन्न संस्थाओं की मदद थाने में काउंसलिंग हुई, जिससे सैकड़ों लोग नशे से दूर हुए हैं।

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