छत्तीसगढ़

क्या होता है व्हीव्हीपेट मशीन का फुल फार्म। कलेक्टर ने प्रशिक्षण में पूछे कई रोचक सवाल।

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
बिलासपुर – कलेक्टर अवनीश शरण ने मतदान दलों के प्रशिक्षण के दूसरे दिन बिल्हा विकासखण्ड के बोदरी में आयोजित ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने मतदान दल के अधिकारियों को इव्हीएम मशीन के उपयोग के व्यावहारिक प्रशिक्षण पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने मतदान दलों से कहा कि इव्हीएम मशीन के उपयोग को लेकर इतना सिद्धहस्त हो जाएं कि वास्तविक मतदान के दौरान कोई दिक्कत न आए।
कलेक्टर ने प्रशिक्षार्थियों को व्हीव्हीपैट मशीन का फुल फार्म बताने को कहा। अधिकतर लोगों को सही जवाब बताने में दिक्कत हुई। तब एसडीएम हरिओम द्विवेदी ने सही जवाब बताकर जिज्ञासा शांत की। उन्होंने बताया कि इसका फुल फार्म वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल होता है। कलेक्टर ने इव्हीएम मशीन एवं चुनाव प्रकिया से जुड़े कई रोचक सवाल किए और उनकी शंकाओं का समाधान किया।
नगर निगम आयुक्त एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कुणाल दुदावत एवं जिला पंचायत के सीईओ अजय अग्रवाल भी इस दौरान उपस्थित थे।
कलेक्टर ने प्रशिक्षण में करीब आधे घण्टे तक स्कूल शिक्षक की तरह मतदान दल के अधिकारियों की क्लास ली।
मतदान दल के अधिकारियों को उनके दायित्व का बोध कराया। बताया गया कि पोलिंग अधिकारी एक, दो एवं तीन के क्या कर्तव्य होते हैं। इव्हीएम मशीन के बैलट यूनिट, कण्ट्रोल यूनिट एवं व्हीव्हीपेट मशीनों को आपस में जोड़ने के क्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीठासीन अधिकारी को अपनी पहली रिपोर्टिंग अपने सेक्टर अफसर को करनी होती है। मतदान के शांतिपूर्ण संचालन के लिए मतदान के दिन उन्हें मजिस्ट्रेट का अधिकार दिया जाता है।
हर दो घण्टें में मतदान की रिपोर्टिंग करनी होगी। पिछले चुनाव से इस बार हुए बदलाव की जानकारी भी प्रशिक्षण में दी गई। उन्होंने बताया कि मतदान के दौरान यदि इव्हीएम की बैटरी खराब हो जाये तो सेक्टर अधिकारी के पास उपलब्ध रिजर्व बैटरी लगाकर मशीन को पुनः चालू किया जा सकता है। इसके पहले बैटरी खराब होने पर मशीन का उपयोग बंद कर दूसरे मशीन से आगे का मतदान कराना होता था। उन्होंने चुनाव आयोग की पीठासीन अधिकारी की पुस्तिका को अच्छी तरह पढ़ने की समझाइश दी।

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