छत्तीसगढ़धर्म

करवाचौथ पर व्रत क्यों ?

करवाचौथ पर व्रत क्यों ?

पण्डित देव दत्त शर्मा सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़
सहसपुर लोहारा-कवर्धा-

आज पत्नी आपके लिए व्रत रखी हैं , ये रिश्ता इन 07 वचनों से शुरू हुआ था ।
विवाह के समय लिए गए सप्तपदी के सात वचन जीवनभर हमारे साथ चलते हैं । ये वचन हर गुजरते लम्हे के साथ पति-पत्नी के बीच प्यार और परस्पर विश्वास को बढ़ाते हैं । इस रिश्ते को मजबूत करने का पर्व करवाचौथ है । इस पर्व पर आज पत्नी आपकी लंबी उम्र और यश के लिए व्रत रख रही हैं । आज उन्ही सात वचनों को फिर याद करने का दिन है , जिनकी नींव पर दुनिया का यह सबसे जिम्मेदार खूबसूरत और बेजोड़ रिश्ता पल्लवित हो रहा है । इन सात में ही जीवन की खुशियाँ, सम्मान, समानता और संतुलन है ।
01. तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्यात्
पति-पत्नी हर व्रत, उपवास, धर्म-कार्य साथ करेंगे । तीर्थयात्रा और पर्यटन भी साथ करेंगे।
02. पूज्यौ स्वेो पितरो ममापि तथेशभक्तो निजकर्म कुर्यात्*
पति-पत्नी एक-दूसरे के माता-पिता का सम्मान करेंगे ।पति, पत्नी के परिवार का भी ध्यान रखेगा ।
03. जीवनम् अवस्थात्रये पालनां कुर्यात्
पति जीवनभर हर उम्र और स्थिति में पत्नी की रक्षा करेगा । उनकी देखभाल करेगा ।
04. कुटुम्बसपालनम्सर्वकार्य कर्तुहः प्रतिज्ञाम् यदि कातं कुर्यात्
पति परिवार की सभी जरूरतों को समझेगा और उनकी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेगा ।
05, स्वसद्यकार्ये व्यवहारकर्मण्ये व्यये मामापि मंत्रयेथा: कुर्यात्
घर के काम हों या किसी को उपहार देना हो , पति खर्च करते समय पत्नी से बात करेगा ।
06. न मेपमानमं सविधे सखीनां द्युतं न वा दुर्व्यसनम् भंजश्चेत कुर्यात्
पत्नी के परिचितों, सखियों के सामने अपमान नही करेगा । जुए और नशे से दूर रहेगा ।
07. परस्त्रियं मातृसमां समीक्ष्य स्नेह सदा चेन्मयि कान्त कुर्यात्
पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्री से प्रेम सम्बंध नही रखेगा । पर-स्त्री को माँ समान मानेगा ।
करवा चौथ पर निर्जला व्रत क्यों
क्योंकि यह मेरा तरीका है आभार व्यक्त करने का उस के प्रति जो हमारे लिए सब कुछ करता है। मैं व्रत करूंगी बिना किसी पूर्वाग्रह के , अपनी ख़ुशी से।
अन्न जल त्याग क्यों ?
क्योंकि मेरे लिए यह रिश्ता अन्न जल जैसी बहुत महत्वपूर्ण वस्तु से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है। यह मुझे याद दिलाता है कि हमारा रिश्ता किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। यह मेरे जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के होने की ख़ुशी को मनाने का तरीका है।
सजना सवरना क्यों ?
मेरे भूले हुए गहने साल में एक बार बाहर आते हैं। मंगलसूत्र , गर्व और निष्ठा से पहना जाता है। मेरे जीवन में मेहँदी , सिन्दूर ,चूड़ियां उनके आने से है तो यह सब मेरे लिए अमूल्य है। यह सब हमारे भव्य संस्कारों और संस्कृति का हिस्सा हैं। शास्त्र दुल्हन के लिए सोलह सिंगार की बात करते हैं। इस दिन सोलह सिंगार कर के फिर से दुल्हन बन जाईये। विवाहित जीवन फिर से खिल उठेगा।
कथा क्यों और वही एक कथा क्यों ?
एक आम जीव और एक दिव्य चरित्र देखिये कैसे इस कथा में एक हो जाते हैं। पुराना भोलापन कैसे फिर से बोला और पढ़ा जाता है , इसमें तर्क से अधिक आप परंपरा के समक्ष सर झुकाती हैं। हम सब जानते हैं लॉजिक हमेशा काम नहीं करता। कहीं न कहीं किसी चमत्कार की गुंजाईश हमेशा रहती है। वैसे भी तर्क के साथ दिव्य चमत्कार की आशा किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाती।
मेरे पति को भी व्रत करना चाहिए ?
यह उनकी इच्छा है वैसे वो तो मुझे भी मना करते हैं। या खुद भी रखना चाहते हैं ..मगर यह मेरा दिन है और सिर्फ मुझे ही वो लाड़ चाहिए। इनके साथ लाड़ बाँटूंगी नहीं इनसे लूंगी।
भूख , प्यास कैसे नियंत्रित करोगी ?
कभी कर के देखो क्या सुख मिलता है। कैसे आप पूरे खाली होकर फिर भरते हो इसका मज़ा वही जानता है , जिसने किया हो।
चन्द्रमा की प्रतीक्षा क्यों ?
असल मे यही एक रात है जब मैं प्रकृति को अनुभव करती हूँ। हमारी भागती शहरी ज़िन्दगी में कब समय मिलता है कि चन्द्रमा को देखूं। इस दिन समझ आता है कि चाँद सी सुन्दर क्यों कहा गया था मुझे।
सभी को करवाचौथ की शुभकामनाएँ…आपका विवाहित जीवन आपकी आत्मा को पोषित करे और आपके जीवनसाथी का विचार, आपके मुख पर सदैव मीठी मुस्कान लाये। अपने पति के लिए स्वास्थय एवं लम्बी आयु की कामना अवश्य करें। याद रखें यह देश सावित्री जैसी देवियों का है जो मृत्यु से भी अपने पति को खींच लायी थी ,,,,,,,,,,,,, कुतर्कों पर मत जाईये अंदर की श्रद्धा को जगाईये ।

 

 

 

विज्ञापन समाचार हेतु सपर्क करे-9993199117/9425569117

 

Related Articles

Back to top button