स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया इस्तीफा। सराफत का फायदा उठा रहे थे विभाग के कई अधिकारी। भारतीय कांग्रेस कमेटी से इस्तीफ़े का निर्देश आया। मुख्यमंत्री के कहने में मैने इस्तीफ़ा दे दिया। मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वो जब चाहे इस्तीफ़ा ले सकते है और मैंने इस्तीफ़े की पूरी प्रक्रिया का पालन किया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिया इस्तीफा। सराफत का फायदा उठा रहे थे विभाग के कई अधिकारी। भारतीय कांग्रेस कमेटी से इस्तीफ़े का निर्देश आया। मुख्यमंत्री के कहने में मैने इस्तीफ़ा दे दिया। मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वो जब चाहे इस्तीफ़ा ले सकते है और मैंने इस्तीफ़े की पूरी प्रक्रिया का पालन किया है।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। मंत्री के इस्तीफा देने साथ ही मोहन मरकाम के मंत्री बनने की चर्चा जोर पकड़ ली है। डॉ सिंह बेहद सीधे सादे व्यक्तित्व के धनी थे। यही कारण है विभाग में छोटे छोटे अधिकारी भी इसका फायदा उठा लेते थे। ब्लाक स्तर के अधिकारी भी दुकान सजा के बैठ गए है।
लोग तो यहां तक कह रहे है कि शपथ ग्रहण के लिए राजभवन में तैयारियां भी शुरू हो चुकी है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है। लेकिन इतना तय है कि यदि मरकाम स्कूल शिक्षा मंत्री बन गए तो कई अधिकारियों की दुकान बंद हो जाएगी। क्योंकि मोहन मरकाम बहुत तेज तर्रार और स्वयं से निर्णय लेने वाले नेता है। इधर स्कूल शिक्षा मंत्री के इस्तीफे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक डॉ प्रेमसाय सिंह से इस्तीफा मांग लिया गया।
जब मीडिया ने डॉ प्रेमसाय सिंह से इस्तीफ़ा के बारे में पूछा तो चंद सेकेंड तक वो मौन रह गए और फिर जब बोला तो कांग्रेस के अंदरखाने की हड़बड़ाहट की पोल खोल दी। मीडिया से अपने इस्तीफ़े की बात शेयर करते हुए प्रेमसाय सिंह ने कहा कि इस्तीफ़ा दिया नहीं जाता है, इस्तीफ़ा ले लिया गया है। श्री साय ने आगे कहा कि उन्हें कहा गया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से मेरे इस्तीफ़े का निर्देश आया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री के कहने में मैने इस्तीफ़ा दे दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है कि वो जब चाहे इस्तीफ़ा ले सकते है और मैंने इस्तीफ़े की पूरी प्रक्रिया का पालन किया है।