बाल श्रम उन्मूलन दिवस पर राजमिस्त्री संघ ने निकाली जागरूकता रैली
फरसगांव । राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा अधिनियम के तहत 10 अक्टूबर के दिन बाल श्रम उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी तारम्य में बाल श्रम जैसे जटिल समस्या के निदान हेतु बस्तर राजमिस्त्री एवं मजदूर कल्याण संघ फरसगांव द्वारा नगर में जागरूकता रैली निकाली गई।
ज्ञात हो कि यह दिवस जिले में पहली बार संघ द्वारा निकाली गई रैली में सभी महिला पुरुष मजदूर हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर नारों के साथ नगर के चौक चौराहे से होते हुए मजदूर कार्यालय तक पैदल यात्रा की गई।
संघ के सचिव ने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करना और बाल श्रम तथा विभिन्न रूपों में बच्चों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघनों को समाप्त करना है।
अनुमानों के अनुसार विश्व भर में 21 करोड़ 80 लाख बाल श्रमिक हैं
भारत सरकार की 2001 की जनगणना के अनुसार एक करोड़ 27 लाख बच्चे बाल श्रम में लगे हुए हैं और यह संख्या भारत के कुल श्रमिकों की संख्या के 3.6 प्रतिशत के बराबर है. समय से पहले श्रम के कार्य में लग जाने से वे उस शिक्षा और प्रशिक्षण से वंचित रह जाते हैं, जो उनके परिवारों और समुदायों को गरीबी के चक्र से बाहर निकालने में मददगार हो सकते हैं। बाल श्रमिकों के रूप में वे शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और नैतिक यातना से भी प्रभावित होते हैं, जिससे उनकी जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। आगामी समय में संघ द्वारा विभिन्न क्रियाकलापों से बाल मजदूरी कोे रोकने हेतु प्रयास किया जायेगा जिससे बाल मजदूरी के आंकड़े में अंकुश लग सके।
संघ द्वारा अपील की गई है कि बाल श्रम रोकना हर नागरिक की जिम्मेदारी है यदि सभी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें तो बाल श्रम जैसे अभिशाप को जड़ से मिटने में देर नही लगेगी। रैली दौरान समस्त मजदूरों को समझाइश दी गई कि बच्चों को स्कूल भेजकर उन्हे शिक्षित बनाएं और उन्हें पढ़ने के लिये प्रेरित करें। ताकि हमारे देश से ऐसे जटिल समस्याओं पर अंकुश लग सके।
रैली दौरान संघ के उपाध्यक्ष गोविंद पटेल सचिव हेमराज भारद्वाज,कमलेश यादव, श्रीलाल सिंह, लखमू नेताम प्रकाश नेताम, उत्तम यादव, सोमारू मरकाम, सतरूपा यादव, राजेश्वरी नाग, धन्नो पोयाम, महेश्वरी पोयाम, अशवंती, शांति, होलिका रुक्मणी सहित भारी संख्या में मजदूर गण उपस्थित रहे।