जांजगीर

मजदूर आज भी मजबूर – दीपक दुबे अध्यक्ष इंटक

जांजगीर चांपा /भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस INTUC प्रदेश अध्यक्ष दीपक दुबे प्रदेश भर के मजदूरों को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के बधाई देते हुवे उनके विभन्न जगहों के कार्यस्थल पर पहुंचकर श्रीफल गमछा भेट कर श्रम शक्ति को नमन करते हुवे आगाज़ कर कहा की आज देश की आजादी के 75 वे वर्ष पर अमृत काल महोत्सव मना रहे है और छग राज्य गठन के 22 वर्ष हो गए पर मजदूर की दशा स्थिति वही के वही है और अब इसको सह नहीं जाएगा राज्य के श्रमिको / मजदूरों का दुर्भाग्य है कि जिसके भी सरकार बनी वह सिर्फ मजदूरों श्रमिको को ठगने और उनके हित को अनदेखी कर पूंजीपतियों के इशारों पर कार्य किया पूर्व बीजेपी रमन सिंह सरकार ने श्रम कानून को इतना कमजोर कर दिया की श्रम पदाधिकारी आज किसी प्रतिष्ठान में निरीक्षण नही कर सकते कारखाना एक्ट और आद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की स्थिति मजदूर हित में शून्य की ओर अग्रसर है प्रदेश में औद्योगिक दुर्घटना बढ़ते जा रहा है श्रमिको की स्थिति आज भी 12 /12 घंटा कार्य करने के बाद भी आधा रेट मजदूरी पा रहे है शासन की सैकड़ों योजना है पर श्रमिको को इसके लाभ नही मिल पा रहा है प्रदेश के कई खतरनाक उद्योग में गंभीर बीमारियों से मजदूर जूझ रहे है केंद्र की बीजेपी मोदी सरकार कृषि कानून और श्रम कानून पर कई बदलाव किए है किसान अपनी हक की लड़ाई के लिए सड़क से सदन तक लड़े और बहुत कुछ मांग पर कृषि कानून में बदलाव हुआ किंतु श्रम कानून में जो बदलाव किया गया उस पर सड़क से सदन तक आवाज नहीं उठा विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओ ने आंदोलन किए पर नाकामयाब हुआ आज भी सरकार किसी दल के हो पूंजीपतियों के इसरो पर श्रम कानून बनाए जा रहे है पीएफ और मेडिकल फंड की सुविधा 10 प्रतिशत से भी कम मजदूरों की मिल रहा है महिला श्रमिको की स्थिति और भी दयनीय है आज स्कूल,हॉस्पिटल, उद्योगों में और अन्य प्रतिष्ठानों में कार्य करने वाली महिला श्रमिको के अधिकारों का हनन हो रहा है आधा के आधा मजदूरी बिना सुविधा के घंटो इनके श्रम शक्ति के दोहन कर रहे है प्रदेश के एफसीआई,वेयर हाउस,के हमालो की आधा हिस्सा बीच के खा जा रहे है,बिजली विभाग में मेंटेंस और सब स्टेशनों में लगे मजदूरों की हक ठेकेदार खा रहे है मजदूरों के लिए सोचना और हक के लिए ईमानदारी से लड़ना एक बैमानी सा हो गया है प्रदेश में श्रमिको मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को संज्ञान में लेकर कार्य करना चाहिए शत प्रतिशत छग के उद्योगों में मूल छग वाशियो की नौकरी लगे यह बोलने घोषणा करने से नहीं होगा जमीन पर कार्य हो और श्रम कानून में जो बदलाव हुआ उसको सुधार की जाए बड़े छोटे उद्योगों में छग के बेरोजगार रेजा कुली ही न हो मेन पावर के कार्य में योग्यता अनुसार रखना भी होगा इस पर कड़ाई से पालन हो बढ़ते महंगाई को देखते हुवे श्रमिको की दैनिक मजदूरी कार्यनुसार 500 से 12 सौ तक की जानी चाहिए इस पूर्व में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को निवेदन किए थे जल्द इंटक राज्य प्रतिनिधि मंडल मुलाकात कर मांग करेंगे आज श्रमिक दिवस पर इंटक के राष्ट्रिय सचिव रजनीश सेठ कार्यक्रम में उपस्थित रहे

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