पर्यावरण विभाग के कर्मचारी लगा रहे है शासन को चुना, फर्जी बिल लगाकर बटोर रहे है परिवहन भत्ता का पैसा।
पर्यावरण विभाग के कर्मचारी लगा रहे है शासन को चुना, फर्जी बिल लगाकर बटोर रहे है परिवहन भत्ता का पैसा।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर। पर्यावरण विभाग के कर्मचारी फर्जी बिल लगाकर शासन को चुना लगा रहे है। Democrecy.in के हाथ एक ऐसा दस्तावेज लगा है जिसमें विभाग के साइंटिस्ट परिवहन भत्ता बटोरने के लिए फर्जी बिल लगाकर 5 हजार रुपए का भुगतान ले लिया है।
बहुत से विभागों में शासकीय कर्मचारी सामान्य दिनों में तो काम नहीं करते है। लेकिन पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक इतने कर्मठ है की 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व के दिन मिलों सफर करके पानी का सैंपल लेने के लिए चले जाते है। यही नहीं विभाग के कर्मचारी ईंधन खर्च के रूप में पांच हजार रुपए का बिल प्रस्तुत कर पैसा भी स्वीकृत करा लेते है। विडंबना तो ये है की अधिकारी भी आंख मूंदकर राशि स्वीकृत कर देते है। जीहां जिस कर्मचारी की हम बात कर रहे है वह पर्यावरण विभाग में प्रयोगशाला परिचारक है और उसका नाम संजय मिश्रा है। संजय मिश्रा ने पानी का सैंपल लेने 15 अगस्त को चंद्रपुर गए थे और ईंधन खर्च के रूप में पांच हजार रुपए ले लिए। अब सवाल ये उठ रहा है जब पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मना रहा था तो एक प्रयोगशाला परिचारक ड्यूटी पे कैसे रह सकता है। विभागीय सूत्रों का कहना है की सैंपल लेने कोई कहीं नहीं गया था, फर्जी बिल लगाकर पैसा निकाला गया है। इसमें विभाग के अकाउंटेंट की भूमिका भी संदिग्ध है। सूत्र का तो ये भी कहना है की ज्यादातर टूर फर्जी ही होते है और अधिकारी फर्जी बिल लगाकर हर साल शासन को लाखों का चूना लगा रहे है। यदि जांच हो जाए तो लाखों का फर्जीवाड़ा सामने आ जाएगा।