महापौर के दावेदार ज्यादा, इसलिए बीजेपी को नहीं मिल रहे जिलों के लिए अध्यक्ष
सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- बीजेपी संगठन चुनाव में मेयर के दावेदारों ने दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है। नगरीय निकाय चुनाव के दावेदार ज्यादा होने के कारण बीजेपी को संगठन के लिए जिला और मंडल के अध्यक्ष नहीं मिल रहे। खासकर 10 नगर निगम वाले प्रदेश के सभी बड़े शहरों में । इतना ही नहीं राजधानी में ही आधा दर्जन से ज्यादा नेता हैं, जो संगठन चुनाव से ज्यादा मेयर का टिकट पाने के लिए बनने के लिए उत्सुक हैं। इन नेताओं ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस परिस्थिति को लेकर संगठन के नेताओं का कहना है कि निकाय चुनाव के लिए टिकट बांटने वाली समिति तय करेगी कि किसे टिकट देना है या नहीं।
बूथ कमेटियों की बैठक लेकर मंडल और मंडलों की बैठक में जिलाध्यक्ष का चयन किया जाएगा। ऐसी स्थिति में दोनों में तालमेल बनाकर निर्णय लिया जाएगा। नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों के साथ बीजेपी में संगठन चुनाव भी चल रहे हैं। अक्टूबर तक मंडल अध्यक्ष और नवंबर में जिलाध्यक्ष का चुनाव होना है। हर महीने एक से पंद्रह तारीख के बीच चुनाव के बाद दस दिन का समय दावा-आपत्ति के लिए भी है, जिससे विवाद की स्थिति बनने पर सुलझाया जा सके।
इसी बीच नगर निगम, नगर पालिका व पंचायताें में चुनाव हाेने हैं। दिवाली के बाद निकाय चुनाव के लिए अाचार संहिता लागू हाेने की संभावना है। बीजेपी का फोकस संगठन चुनाव भी है, लेकिन दावेदार पहले टिकट पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। यही वजह है कि सभी दावेदार संगठन के बड़े नेताओं से आंखे चुरा रहे हैं।
जो चूका उसमें से एक अध्यक्ष
इधर रायपुर में मेयर के दावेदारों में संजय श्रीवास्तव, राजीव अग्रवाल, मीनल चौबे, अशोक पांडेय, सुभाष तिवारी, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, सूर्यकांत राठौर, मृत्युंजय दुबे सहित कई और नाम हैं। इनमें से किसी एक को पार्टी मेयर का टिकट दे सकती है। जो लोग टिकट पाने से चूक जाएंगे, उनमें से किसी एक को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है। राजधानी की राजनीति की अहम कड़ी होने के कारण रायपुर जिलाध्यक्ष चुनने से पहले पार्टी बड़े स्तर पर रायशुमारी करेगी। ऐसे नेता को मौका दिया जाएगा, जो पार्षद व संगठन दोनों से सामंजस्य बना सके।
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