छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

डॉक्टर बनकर शुभांशु गुप्ता ने किया माता-पिता के साथ जिले का नाम रौशन माता-पिता के सपनो को कैसे किया जाता है साकार ,साबित किया शुभांशु ने डॉक्टर बनने के बाद गरीब मजदूरों की सेवा करना चाहते हैं गुप्ता

भिलाई। धमतरी निवासी शुभांशु गुप्ता (गगन) ने डी.वाय.पाटिल मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर पुणे से एम.एस.आर्थी पेडिक्स की डिग्री हासिल कर न केवल अपने माता-पिता परिजनों का बल्कि धमतरी जिले का भी नाम रौशन किया है। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे शुभांशु ने यह साबित कर दिखाया है कि मां, पिता एवं छोटे भाई बहनों के सपनों को कैसे साकार किया जाता है। डिग्री हासिल करने के बाद शुभांशु गुप्ता वर्तमान में विशेषज्ञ डॉक्टर के रूप में शंकर मेडिकल कॉलेज एवं आरोग्यम हॉस्पिटल भिलाई में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

एक प्रश्न के जवाब में शुभांशु ने बताया कि बचपन से ही मेरी मम्मी रश्मि गुप्ता जो कि कुशल गृहिणी एवं समाजसेवी है तथा पापा सुभाष गुप्ता जो कि सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर हैं दोनों ने लाड़ प्यार व संस्कार दिए उसी का परिणाम है कि मैं इस तप कर ऐसा आकार लिया और परिवार को गौरवान्वित किया। समय-समयपर बड़े पिताजी रमेश गुप्ता, स्व.संतोष गुप्ता एवं चाचा स्व.सतीश गुप्ता, सुधीर गुप्ता, सुदीप गुप्ता का भी विशेष मागदर्शन रहा जो पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित करते रहे।

आज इसी का नतीजा है कि मैं डॉक्टर बनकर गरीब मरीजों की सेवा के लिए तैयार हूँ। इसका श्रेय मेनोनाईट इंग्लिश स्कूल के गुरुजनों, प्राचार्य एवं ईष्ट मित्रों को भी जाती हैं। 8 वीं, 10 वीं, 12 वीं में जब अच्छा रिजल्ट आया तभी मैंने तय कर लिया कि मैं डॉक्टर बनूंगा, घर में मम्मी, पापा इसके लिए पहले से तैयार थे। उन्होंने  उन्होंने मुझे डॉक्टरी पढ़ाया और आज मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा के लिए तैयार हूँ। शिक्षा के संबंध में जानकारी देते हुए डॉक्टर शुभांशु ने बताया कि उन्होंने डी.वाय.पाटिल मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर पूणे से एम.एस.आर्थोपेडिक्स की डिग्री हासिल की। उन्होंने प्रतिदिन 400 रोगियों की ओपीडी देखी।

प्रति सप्ताह ओटी में लगभग 10 से 12 मामलों में सहायता की। पाठ्यक्रम के हिस्से के रुप में हिप फ्रैक्चर वाले रोगियों में कान्ट्रलेटर हिप के बीएमडी का निर्धारण पर उनकी थीसिस प्रकाशित हुई। बैचलर ऑफ मेडिसीन एण्ड बैचलर ऑफ सर्जरी (एस.बी.बी.एस.) कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मैंगलोर (एम.ए.एच.ई.) से पूरी की। 2009 से 2014 तक आपातकालीन मामलों से लेकर आउट पेशेंट और इन पेशेंट मामलों तक सभी विभागों व नैदानिक कौशल विकास के अनुभव के साथ अपना स्नातक पूरा किया। चार साल में बारी-बारी से सभी विभागों में तैनात रहे। खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी हिस्सा लिया। डॉ. शुभांशु गुप्ता ने वर्धमान हॉस्पिटल मुज्जफरनगर यूपी में एक वर्ष तक फैलोशिप भी की। प्रारंभिक शिक्षा के बारे में डॉ.शुभांशु ने बताया कि 1994 से 2008 तक वे मेनोनाइट इंग्लिश स्कूल धमतरी में पढ़े और सभी स्तरों पर प्रथम विशिष्टता प्राप्त करने वाले सुसंगत छात्र रहे।

शिक्षणकाल में उन्होंने भाषण में हिस्सा लिया और वाद-विवाद प्रतियोगिता में जीत हासिल की। खेलकूद टीम का सदस्य होने के साथ उन्हें स्कूल के प्रीफेक्ट के रूप में भी चुना गया। कार्य अनुभव के बारे में उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रसिद्ध अस्पतालों में उन्होंने कंधे की आर्थोप्लास्टी के साथ-साथ सरल एवं जटिल ईट्रा आर्टिकूलर ट्रामा मामलों (लगभग 8 मामले प्रति सप्ताह) के साथ ऑपरेशन थियेटर में स्वतंत्र रुप से काम करते हैं।

ऑपरेशन थियेटर और आपातकाल में मामलों के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण के तहत स्नातकोत्तर छात्रों की सहायता और मार्गदर्शन करने के अलावा अंडरग्रेजुएट मेडिकल और फिजियोथैरेपी क्षेत्रों के साथ शिक्षण का भी बहुत अनुभव है। कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मैंगलोर में एक साल से सभी क्लीनिकल विभाग में बारी-बारी से उनकी पोस्टिंग की गई। अनुभव प्रबंधन वार्ड, आपातकालीन विभाग की प्रक्रियाओं एवं प्रबंधन की तैयारी।

एक माह की अवधि के लिए सभी विभागों में रोटेशन तैनात किया गया था। इस तरह से उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई एवं संपूर्ण प्रशिक्षण पूरी की। ज्ञात हो कि डॉ. शुभांशु गुप्ता की धर्मपत्नि डॉ.प्रितिका गुप्ता जो डेंटिस्ट है सहयोगी के रुप में वे भी शंकरा कॉलेज में उनके साथ अपनी सेवाएं दे रही हैं।

Related Articles

Back to top button