छत्तीसगढ़

प्रकरणों का त्वरित निराकरण के लिए जिले में 9 खण्डपीठों का किया गया गठन

नेशनल लोक अदालत का आयोजन 11 फरवरी को

प्रकरणों का त्वरित निराकरण के लिए जिले में 9 खण्डपीठों का किया गया गठन

कवर्धा 10 जनवरी 2023। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में मुख्य न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर माननीय श्री न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी  के मार्गदर्शन एवं न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर माननीय श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी के निर्देशानुसार 11 फरवरी 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका न्यायालय के स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजित किया जाएगा। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझाता से निराकृत किए जाएंगे।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों में पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किए जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफस निराकृत किये जाने हैं। नेशनल लोक अदालत का आयोजन हाईब्रीड लोक अदालत के रूप में किया जाना है, जिसके पक्षकारों की भौतिकी उपस्थिति के साथ वर्चुअल में मोड में उक्त लोक अदालत को निष्पादित किए जाने की तैयारी की जा रही है। साथ ही उक्त लोक अदालत में जिन पक्षकारों को न्यायालय पहुंचने में परेशानी हो रही हैं, उन्हें मोबाईल लिगल एड वाहन के माध्यम से न्यायालय पहुंचाकर सहायता प्रदान की जा सकती है।
नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकरण का निराकरण राजीनामा के आधार पर किया जाता है। इसके अंतर्गत दाण्डिक राजीनामा योग्य प्रकरण, चेक बाउन्स अर्थात 138 वाले मामले, बैंक रिकवरी अर्थात प्री-लिटिगेशन प्रकरण, मोटरयान अधिनियम से संबंधित प्रकरण, मेन्टेनेन्स धारा 125 के प्रकरण, परिवार न्यायालय से संबंधित प्रकरण, श्रमिक प्रकरण, जमीन विवाद प्रकरण, विद्युत प्रकरण, जलकर प्रकरण, सम्पत्ति कर, टेलीफोन प्रकरण तथा राजस्व प्रकरणों को नियत किया गया है और उपस्थित पक्षकारगण के मध्य उपजे विवाद को वैकल्पिक समाधान के तहत लोक अदालत में उनके मध्य राजीनामा की सम्भावनाओं को तलाश करते हुए नेशनल लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिक से अधिक प्रकरणों का चिन्हांकित करते हुए अधिक से अधिक प्रकरण रखा जाना है। जिले में कुल 9 खण्डपीठों का गठन किया गया है, जिससे अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा सके।

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