छत्तीसगढ़

बुनियादी तसर रेशम कीट बीज संगठन कार्यालय में तसर रेशम कृषि मेला का आयोजन बुनियादी तसर रेशमकीट बीज संगठन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भरनी परसदा में

बुनियादी तसर रेशम कीट बीज संगठन कार्यालय में तसर रेशम कृषि मेला का आयोजन
बुनियादी तसर रेशमकीट बीज संगठन, केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भरनी परसदा में॥

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.
BSP- भरनी/परसदा
डॉ. ए वेगणुगोपाल निदेशक की अध्यक्षता में राज्य रेशम विभाग, ग्रामीण निदेशालय (रेशम प्रभाग), छत्तीससगढ़ सरकार के सहयोग से “आदिवासी आजीविका के लिए तसर” विषय पर तसर रेशम कृषि मेला का आयोजन किया गया।
उक्ति अवसर पर श्री कुमार निशांत, आई एफ एस एवं जिला वन अधिकारी, छत्तीसगढ़ सरकार, डॉ. बी. टी. श्रीनिवास, निदेशक (तकनीकी), केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलुरू, डॉ. राजेश बघेल, अपर संचालक, ग्रामीण उद्योग निदेशालय, (रेशम प्रभाग), छत्तीसगढ़ सरकार, डॉ. के. सत्यमनारायण, निदेशक, केन्द्रीय तसर रेशमउत्पादन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची, श्री श्रीराम मीना, संयुक्त संचालक, रेशमउत्पादन अनुसंधान, विकास एवं प्रशिक्षण, छत्तीसगढ़ सरकार एवं डॉ. आर. के. तिवारी, डीन, बीटीएएसएआरएस, बिलासपुर गणमान्य अतिथियों के रूप में उपस्थिति रहें।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र डॉ. ए. वेणुगोपाल निदेशक ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के तसर रेशम कृषि मेला का आयोजन किसानों तक केन्द्र सरकार के कार्यक्रमों की जानकारी देने हेतु किए जाते है। आगे उन्होंने सभी किसानों को बताया कि बुतरेबीसं, कार्यालय अच्छी गुणवत्ता के रेशमकीटबीज की आपूर्ति करने हेतु प्रतिबद्ध है ताकि कृषकों को अधिक से अधिक आय उत्पन्न हो सके। साथ ही उन्होंने आदिवासी समुदायों की आजीविका के लिए तसर रेशम उत्पादन के महत्व पर जोर दिया।
विशेषज्ञ ने तसर किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की और उन्हें दूर करने के तरीके सुझाए, जैसे कोकून की गुणवत्ता में सुधार और उत्पादकता में वृद्धि तथा किसानों से सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करने का आग्रह किया।
इसी क्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थि‍त श्री कुमार निशांत, भारतीय वन सेवा, वन खण्ड अधिकारी, छत्तीसगढ़ , सरकार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा प्रदान की जा रही नई नई रेशम उत्पादन संबंधी तकनीकी को अपनाएं तथा अपनी आय को बढ़ाएं साथ ही उन्होंरने रेशम उत्पा दन को आजीविका के साधन के रूप में अपनाने लिए आग्रह किया।
केन्द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलुरू से उपस्थित हुए डॉ. बी. टी. श्रीनिवास, निदेशक (तकनीकी) ने सभी तसर उत्पादक कृषकों को बताया कि छत्तीसगढ़ देश में दूसरा सर्वाधिक कच्चा रेशम उत्पादन करने वाला राज्य है। उन्होंने सभी कृषकों को बधाई दी कि उनकी मेहनत के कारण ही कम अंडो से ज्यादा कोसों का उत्पादन किया जा रहा है। आगे उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सिल्क समग्र 2 के अंतगर्त अलग योजनाओं को लाभ उठायें तथा हितग्राही कृषकों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सके।
डॉ. राजेश बघेल, अपर संचालक, ग्रामीण उद्योग निदेशालय (रेशम) ने छत्तीसगढ़ी भाषा में कृषकों से संवाद किया तथा उनकी समस्यों को सुनकर उनका निदान किया। एवं किसानों से राज्य शासन व केन्द्र सरकार के द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी तथा उन्हें रेशम उत्पादन करने हेतु प्रोत्साहित किया।
साथ ही श्री श्रीराम मीना, संयुक्तु संचालक, अनुसंधान, विकास एवं प्रशिक्षण, छत्तीसगढ़ सरकार ने रेशमउत्पादक कृषकों को प्रशिक्षण संबंधी जानकारी दी तथा उनके केन्द्र में उपस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी।
डॉ. के सत्य नाराण निदेशक, केतरेउअनुवप्रसं, रांची ने मान्यता प्राप्त समुदाय संसाधन व्यक्ति (सीआरपी) जो प्रशिक्षित एवं प्रमाणित है उनका लाभ उठाये उनका गुणवत्ता बीज एवं बीजा कोसा उत्पादन हेतु लाभ उठाएं। आगे उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे केतरेउअनुवप्रसं, रांची द्वारा तैयार की गयी तसर उत्पादन संबंधी प्रौद्योगिकियों को अपनाएं।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में तसर किसानों, स्थानीय आदिवासी समुदायों, सरकारी अधिकारियों, उद्यमियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। उक्त अवसर पर विभिन्न संस्थानों से आए हुए वैज्ञानिकों ने तकनीकी मागदर्शन दिया। साथ ही किसानों के लिए रेशमउत्पादन संबंधी वस्त्रों एवं उपकरणों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। साथ ही तसर किसानों को सूचना प्रदान करने के लिए किताबों एवं पैम्फलेट जैसी तकनीकी सामग्री का भी विमोचन किया तथा तसर रेशम उत्पाादन की तकनीकी संबंधी वीडियों की सीडी का भी विमोचन किया गया। इस आयोजन के दौरान, सर्वश्रेष्ठ तसर रेशम उत्पादन करने वाले 11 किसानों को गणमान्य अतिथियों के कर कमलों से प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) को भी प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
तसर रेशम कृषि मेला में विशेषज्ञों को प्रतिभागियों के साथ अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करने और उनके प्रश्नों को संबोधित करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। उक्तत अवसर पर सफल तसर रेशमउत्पादक कृषकों के अनुभवों को अन्य किसानों से साझा किया तथा उन्हें रेशमउत्पादन अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया। इस तसर कृषि मेला के आयोजन से प्रतिभागियों में रेशमउत्पादन के लिए उत्साह देखा गया। कार्यक्रम में महिला तसर कृषकों ने भी सहभागिता की। उनमें से कई ने तसर रेशम उत्पादन को आजीविका के साधन के रूप में अपनाने की इच्छा व्यक्त की तथा संगठन कार्यालय द्वारा तसर रेशम को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की॥

Related Articles

Back to top button