छत्तीसगढ़

बेरोजगारी भत्ते की घोषणा चुनावी लॉलीपॉप, कांग्रेस सरकार झूठे वादों की सरकार- अमर अग्रवाल

बेरोजगारी भत्ते की घोषणा चुनावी लॉलीपॉप, कांग्रेस सरकार झूठे वादों की सरकार- अमर अग्रवाल

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.

लोकप्रिय भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने कहा 2018 की जन घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया। 2018 के बजट से तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग ने लगभग 18 से 20 लाख बेरोजगारों की संख्या अनुसार ढाई सौ करोड़ का प्रावधान किया जाना आकलित किया, जो कभी नहीं दिया गया। सरकार के नुमाइंदे हमेशा झूठ परोसते रहे है कि, छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर शून्य से नीचे हैं, जन घोषणा में नगद राशि का प्रावधान नहीं था, दिए गए रोजगार में ही घोषणा पूरी हो गई, पृथक से नगदी देने में राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो जाएगी।
लेकिन इस 26 जनवरी में सरकार ने घोषणा पत्र के मुताबिक 2500 रु का बेकारी भत्ता देने का ऐलान कर दिया। देखने वाली बात होगी कि सरकार कितने बेरोजगारों को भत्ता देने के दायरे में लाती है, विगत 4 साल के भत्तो का निराकरण कौन करेगा ? उन्होंने कहा युवाओं के रोजगार की चिंता करने वाली सरकार के हालात ऐसे है कि भर्ती की सारी एजेंसी ठप्प है। चार साल से भर्ती नियम ही बार बार सरकार ठीक से बना नहीं पा रही है जिससे परीक्षा रुक जा रही है।
फेसबुक कार्यक्रम में अमर अग्रवाल ने दोहराया आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिला बहनों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। 50,000 संविदा कर्मी नियमित किए जाने की सरकार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, अनिश्चितकालीन आंदोलन पर आश्वासन के बाद इससे संविदा कर्मचारियों में आस जगी थी कि मुख्यमंत्री 26 जनवरी को नियमितीकरण की घोषणा करेंगे लेकिन वे झुनझुना भी नहीं दे पाए। वास्तव में जनता को छलने का काम 4 साल से चल रहा है. आने वाले समय में ना बजट है ना पैसा है. सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।इसी प्रकार राज्य के तीन लाख से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों के केंद्र के समान डीए की मांग, नए भर्ती कर्मचारियों के लिए तीन साल की परिवीक्षा अवधि की जबरिया सजा और 3 वर्षों तक नए भर्ती किए जा रहे कार्मिकों वेतन कटौती आम छत्तीसगढ़िया जनमन की खुली लूट है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने के उपायों एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण के प्रयासों की बजाए सरकारी सेवा में भर्ती हुए युवाओं की परीक्षा अवधि दो से तीन वर्ष बढ़ाकर एवं तीन वर्षो तक क्रमशः वेतन 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 10 प्रतिशत की कटौती करके कोरोना के नाम पर राज्य की वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए राजस्व की भरपाई की जा रही है।
यह उपलब्धि हासिल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।

श्री अमर अग्रवाल ने कहा वे पिछले दिनों विकास खोजो अभियान अंतर्गत शहर के विभिन्न वार्डों गए थे। वार्ड वासियों ने मुलाकात के दौरान मूलभूत सुविधाओं के साथ मेंटेनेंस कार्य को भी नहीं कर पाने पर स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली से होने वाली परेशानियों के बारे में बताया। वार्डो में साफ सफाई ठीक से नहीं हो रहीं है, पेयजल की सुविधा नहीं है, सड़को की हालत खराब है। पेंशन के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है, आवास के लिए लोग चक्कर लगा रहे है। राशन कार्ड नहीं बन पा रहे है।
राजस्व के नामांतरण व बटवारा एवं रजिस्ट्री के ढेरो प्रकरण लंबित है। भू-माफियाओं के आतंक से जनता हलाकान है। जनता की समस्याओं के निवारण के लिए प्रशासन के द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि, विकास के कार्यों और आने वाले भविष्य की सुनहरी योजनाओं को लेकर चार सालों तक जनप्रतिनिधि सोए रहे, आज सारे विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। स्मार्ट सिटी के बिलासपुर के 4000 करोड़ ज्यादा रुपयो के सैकड़ो से ज्यादा काम जून 2023 तक पूरा हो जाना था, अधिकांश योजनाएं फाइलों में दम तोड़ रही हैं, उल्टे गुंडागर्दी माफिया राज, अपराध के रोज नए-नए कीर्तिमान बनते जा रहे हैं।

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