पुलिया के पास ही नाले में नहाती महिला को ढाल बना भागे नक्सली, पुलिस नहीं कर पाई फायरिंग
सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ कांकेर/अंतागढ़- अंतागढ़ विकासखंड के ग्राम तुमापाल के पास रावघाट परियोजना के तहत रेललाइन निर्माण लगी कंपनी के डीजल टैंकर को नक्सलियों ने उड़ा दिया। इसमें सवार ठेकेदार के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। विस्फोट के लिए नक्सलियों ने पुलिया में आईईडी लगाई थी। डीजल टैंकर जैसे ही पुलिया के ऊपर पहुंचा वैसे ही नक्सलियों ने विस्फोट कर दिया। विस्फोट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि विस्फोट के दौरान नाले में एक महिला नहाती रही।
इसके बाद फायरिंग शुरू हुई फिर भी वह महिला वहां से नहीं हटी। नक्सलियों के सामने होने के बावजूद इस महिला के कारण फोर्स उस ओर गोली नहीं चला सकी। ठेकेदार पप्पू राणा ने बताया कि इसी महिला को ढाल बनाकर नक्सली वहां से भाग निकले फिर महिला भी अपने कपड़े व स्टील की गुंडी छोड़कर फरार हो गई।
मंगलवार सुबह 9.15 मिनट पर जब टैंकर तुमापाल से पतकालबेड़ा के पास खेत नाले की पुलिया पर पहुंचा। उसी समय पुलिया में लगाए गए आईडी में विस्फोट किया गया। नक्सली सड़क के दोनों ओर थे जबकि तुमापाल कैंप से निकली फोर्स घटनास्थल से 400 मीटर पर और कोसरोंडा से निकली फोर्स 200 मीटर की दूरी पर थी।
फायरिंग के दौरान वहीं खड़ी थी महिला, बाद में भागी
घटनास्थल के दोनों ओर सैन्य कैंप फिर भी गांव में घुस आए नक्सली :एक बार फिर पुलिस के खुफिया तंत्र पर सवाल उठने लगा है। घटनास्थल से ढाई किमी की दूरी पर तुमापाल कैंप है जबकि इतनी ही दूरी पर दूसरी ओर कोसरोंडा एसएसबी कैंप है। इसके बावजूद 15 से अधिक नक्सली दोनों कैंप के बीच पहुंच गए जहां आसानी से वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए और फोर्स उन्हें घेर भी नहीं पाई।
200 मी. दूर से विस्फोट कियारोड ओपनिंग पार्टी नहीं देख पाई :नक्सलियों ने जो आईडी पुलिया में लगाया था उसे काफी पुराना बताया जा रहा है। इसके बावजूद वह रोज रोड ओपनिंग कर रही टीम के नजर में नहीं आया। नक्सलियों ने इस बम में विस्फोट करने पुलिया से 200 मीटर की दूरी पर मोर्चा लिया था जहां तक बिजली के तार भी मिले हैं। बम की क्षमता अधिक होने के कारण टैंकर के केबिन के परखच्चे उड़ गए।
दो साल पहले रेलवे ठेकेदार के पुत्र को मारी थी गोली :इस घटना के ठीक दो साल पहले नवंबर 2017 में नक्सलियों ने रेललाइन बिछाने के लिए पेड़ काटने वाले ठेकेदार के पुत्र रमेश जैन की पिता के सामने कोसरोंडा कैंप से मात्र 500 मीटर की दूरी पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिता पुत्र को बचाने कैंप तक पहुंचा था लेकिन एसएसबी के जवानों ने तत्काल कार्रवाई करते नक्सलियों को घेरने के बजाए पिता को थाना में एफआईआर दर्ज कराने की सलाह दी थी। इस घटना में भी ठेकेदार व सुरक्षा बलों में तालमेल की कमी देखी गई थी।
इधर, डब्बाकोंटा में दो ग्रामीणों की जनअदालत लगाकर हत्या की :सुकमा | नक्सलियों ने डब्बाकोंटा गांव के दो ग्रामीण माड़वी रोहित व माड़वी जोगा को डब्बाकोंटा व तुमालपाड़ के जंगलों में शुक्रवार को कथित जनअदालत लगाकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों को जोगा व रोहित पर पुलिस मुखबिर होने का शक था। इससे पहले नक्सलियों ने दोनों ग्रामीणों को गुरुवार की देर शाम डब्बाकोंटा गांव से अगवा कर लिया था। पूरी रात पूछताछ के बाद अगले दिन जनअदालत लगाकर दोनों की बेरहमी से नक्सलियों ने हत्या कर दी।
हत्या के बाद शव परिजनों को सौंपते समय नक्सलियों ने उन्हें वारदात की रिपोर्ट थाने में लिखाने पर जान से मारने की धमकी भी दी। नक्सली धमकी के डर से हत्या के पांच दिनों बाद भी परिजनों ने अब तक वारदात की रिपोर्ट संबंधित थाने में दर्ज नहीं कराई है। एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी हुई है। परिजनों से सम्पर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। एसपी ने कहा कि मुठभेड़ में पुलिस को मिल रही लगातार सफलता और संगठन में बिखराव के कारण नक्सली बौखला गए हैं। बेकसूर निर्दोष ग्रामीणों पर पुलिस मुखबिरी करने का आरोप लगाकर हत्याएं कर रहे हैं।
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