कृषि में गौमूत्र की शुद्धता की पहचान किए जाने पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन
कृषि में गौमूत्र की शुद्धता की पहचान किए जाने पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन
प्रशिक्षण गौठान समिति एवं समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए होगा कारगर साबित
कवर्धा, 28 नवम्बर 2022। गोधन न्याय योजनांतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गौमूत्र क्रय के लिए चिन्हांकित गौठान ग्राम झलमला में 24 नवंबर 2022 को गौमूत्र से उत्पाद बनाने एवं गौमूत्र की शुद्धता की पहचान किए जाने पर विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण गौठान समिति एवं समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कारगर साबित होगा। प्रशिक्षण में डॉ. राजेश्वरी साहू, विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यानिकी) द्वारा कृषि में गौमूत्र उपयोग के उद्देश्य, गौमूत्र क्रय एवं भुगतान की प्रक्रिया, गौमूत्र संग्रहण की वैज्ञानिक तकनीक तथा गुणवत्ता परीक्षण पर विस्तृत पूर्वक जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गौमूत्र के उपयोग से जैविक कीट नियंत्रक जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर तैयार कर रासायनिक खाद तथा रासायनिक कीटनाशक से प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी तथा कृषि में होने वाले लागत में कमी होगी। डॉ. एस. के. मिश्रा, उपसंचालाक, पशुपालन विभाग ने गौमूत्र संग्रहण की देशी पद्धति तथा पक्की नाली द्वारा गौमूत्र इकठ्ठा करने की तकनीक पर विस्तृत पूर्वक जानकारी दी। गौमूत्र गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्लेटफार्म टेस्ट अंतर्गत गंध एवं रंग जांच, फिजिको केमिकल टेस्ट के अंतर्गत पी.एच. जांच एवं स्पेसिफीक ग्रेविटी जांच द्वारा गौमूत्र गुणवत्ता परीक्षण के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
श्री बी.एस. परिहार, विषय वस्तु विशेषज्ञ (सस्य विज्ञान) द्वारा गौमूत्र से कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, गौमूत्र वृद्धिवर्धक उत्पाद तैयार करने की विधि का विस्तार से प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक विधि से वर्णन किया गया। उन्होने बताया कि गौमूत्र वृद्धिवर्धक उत्पाद से पौधों की वृद्धि व उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी एवं गौमूत्र से तैयार कीट नियंत्रक का उपयोग अन्न वर्गीय फसलों, दलहन,तिलहन, फल एवं सब्जियों के कीटों के नियंत्रण में लाभदायी सिद्ध होगा। डॉ. रोशनी हिरवानी, सहायक पशुचिकित्सा अधिकारी, बोड़ला ने समूहों को गौमूत्र की शुद्धता की पहचान के लिए पी.एच. मान स्ट्रीप व यूरोमीटर से जांच करने के तरीको के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इंजी. टी.एस. सोनवानी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि अभियांत्रिकी) द्वारा समूहों को उत्पाद तैयार करने के लिए वित्तीय व्यवस्था एवं वित्त प्रवाह के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बिहान योजना के अधिकारी कर्मचारी, पशुपालन विभाग के अधिकारी, आत्मा योजनांतर्गत ए.टी.एम., बी.टी.एम तथा गौठान समिति के सदस्य एवं स्वसहायता समूह के सदस्य उपस्थित थे।