सीएम को किसने रोक रखा है कि टाउनशीप में बिजली बिल में छूट का लाभ न दे-प्रेमप्रकाश पाण्डेय
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भिलाई। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा है कि राज्य शासन द्वारा घरेलू उपभोक्ताओ को 01 मार्च 2019 से 400 यूनिट तक के बिजली बिल की आधी राशि छूट के रूप में दिये जाने वाले लाभ को बीएसपी टाउनशिप की जनता पर में लागू नही किए जाने एवं इस छूट के लागू न करने का कारण यह बताया जाना कि बीएसपी टाउनशिप में विद्युत आपूर्ति सीएसपीडीसीएल द्वारा नहीं किया जा रहा इसलिए छूट लागू नहीं की जा सकती। यही कारण बताकर पिछले कई वर्षों से टाउनशिप की जनता को गुमराह करते हुये बीएसपी टाउनशिप की विद्युत आपूर्ति का काम सीएसपीडीसीएल हैंडओवर किए जाने की कवायद की जा रही है।
टाउनशिप की जनता को यह भी बताया जा रहा कि सीएसपीडीसीएल को विद्युत आपूर्ति का काम दिये जाने के बाद टाउनशिप में विद्युत दर कम हो जाएंगे। जो कि सरासर गलत कथन है जिसे मेरे द्वारा अपनी पूर्व के प्रेसवार्ताओ में साबित कर दिया गया कि सीएसपीडीसीएल की सभी कैटेगरी की टैरिफ,बीएसपी टाउनशिप की टैरिफ से 30 से 50 प्रतिशत अधिक है। इसलिए टाउनशीप की विद्युत आपूर्ति सीएसपीडीसीएल दिये जाने से सभी का बिजली बिल में सीधा-सीधा डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा। बीएसपी टाउनशिप में लागू टैरिफ, सीएसपीडीसीएल के विद्युत दरों से कम है इस बात की पुष्टि भारतीय जनता पार्टी द्वारा ध्यानाकर्षण के दौरान लगाए गए प्रश्न के जवाब में स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा कर दिया गया है। अत: इसमे कोई शंका नहीं कि सीएसपीडीसीएल के टाउनशिप में आ जाने से सभी का बिजली बिल में बढ़ोतरी हो जाएगी।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि राज्य शासन द्वारा टाउनशिप में बिजली बिल में छूट का लाभ न देकर बीएसपी टाउनशिप कि जनता के साथ धोखा एवं अन्याय किया जा रहा है। यदि छत्तीसगढ़ काँग्रेस पार्टी का घोषणा-पत्र को देखा जाये तो उसमे साफ-साफ लिखा है कि ‘सबका बिजली बिल हाफÓ। इसी वादे, छूट हेतु जारी आदेश के प्रावधान एवं संविधान में दिये गए बराबरी के अधिकार का हवाला देते हुये मेरे द्वारा पूर्व में बिजली दरों में छुट का लाभ देने हेतु मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव एवं बीएसीप के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, चूंकि इन ज्ञापनों को सौंपे हुये कई माह बीत जाने के बाद भी आज तक छूट का लाभ टाउनशिप की जनता को नहीं दिया गया तथा विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा बीएसपी टाउनशीप में बिजली बिल में छूट देने से साफ मना कर दिया गया है जिस हेतु उनके द्वारा मनगढ़ंत कारण बताया गया। उनके द्वारा बताए कारण को मनगढ़ंत कहने का आधार यह है कि उनके द्वारा बताया गया कारण छूट जारी किए जाने से संबन्धित बजट भाषण अथवा मंत्रिपरिषद के आदेश अथवा छूट हेतु जारी आदेश किसी भी दस्तावेज़ में दर्ज नहीं है।
मुख्यमंत्री के कथनो यह भी स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री को यह ज्ञात है कि यदि बीएसपी टाउनशीप में सीएसपीडीसीएल द्वारा विद्युत आपूर्ति की जाती तो सरकार को आज की तारीख में 46 करोड़ रुपयों की सालाना सब्सिडी देनी पड़ती, जिसके लिए सरकार तैयार है जबकि वर्तमान स्थिति में सरकार को 30 करोड़ रुपए सालाना देने होंगे। सरकार बीएसपी टाउनशीप की जनता के लिए तो 46 करोड़ रुपए देने के लिए तो तैयार है किन्तु वर्तमान स्थिति में बीएसपी टाउनशीप की जनता को 30 करोड़ रुपए देने में परेशानी हो रही है।
अब मुझे मुख्यमंत्री जी एवं उनके सलाहकारों की वित्तीय ज्ञान पर आश्चर्य होता है जो टाउनशीप की जनता पर 46 करोड़ रुपए सालाना खर्च करने को तो तैयार है किन्तु वर्तमान परिस्थिति में 30 करोड़ रुपए सालाना देने से बचना चाहते हैं। यह तो वैसी ही बात हुई कि रामलाल सब्जी वाला टमाटर 20 रुपए किलो दे रहा और सरकार उसे कह रही हो यदि यही टमाटर श्यामलाल बेच रहा होता तो हम उससे 30 रुपए किलो में खरीद लेते। निष्कर्ष यह कि सरकार को टमाटर से मतलब नहीं है उसे तो मतलब इस बात से है कि टमाटर कौन बेच रहा, यह तो बड़ी अजीब विडम्बना है तथा इस विडम्बना के बीच बीएसपी टाउनशीप की जनता पीस रही है। सरकार 20 रुपए किलो वाला टमाटर खरीदकर नहीं बाटना चाहती वो तो वही टमाटर 30 रुपए किलो खरीदकर बाटना चाहती है।
यदि अगर बिजली बिल में छुट के नाम पर बीएसपी टाउनशीप की जनता के अलावा राज्य के सभी उपभोक्ताओ अभी तक हजारो करोड़ रुपए बांटे जा चुके हैं जिसे कि पोस्टर के माध्यम से प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है। बिजली में छूट के नाम पर दिये हजारो करोड़ रुपयों में बीएसपी टाउनशीप की जनता द्वारा दिया गया टैक्स भी शामिल है किन्तु इस छूट के लाभ में टाउनशीप की को कोई हिस्सा नहीं मिला। अब विचार करने वाली बात यह है कि क्या टाउनशीप की जनता छत्तीसगढ़ की जनता न होकर किसी और देश की जैसे कि पाकिस्तान की जनता हो, क्या टाउनशीप की जनता सरकार को टैक्स नहीं दे रही तथा क्या घोषणा पत्र में यह लिखा था कि बिजली बिल हाफ की योजना बीएसपी टाउनशीप में लागू नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्रीजी को किसने रोक रखा है कि बीएसपी टाउनशीप में छूट का लाभ न दे। मुख्यमंत्री एवं काँग्रेस के अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि आदेश के प्रावधानों का हवाला देकर टाउनशीप की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। आखिर छूट से संबन्धित प्रावधान स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा तय किया गया है तथा यदि आदेश के प्रावधान मुख्यमंत्री द्वारा तय किया गया है तो यही निष्कर्ष निकलता है कि उनके द्वारा जानबूझकर ऐसा प्रावधान बनाए गए जिससे कि बीएसपी टाउनशीप की जनता पूरे 5 साल तक बिजली बिल में छुट के लाभ के लिए तरसते रहे।
सरकार बिजली बिल के छूट के नाम पर खर्च किए जा रहे हजारो करोड़ की सब्सिडी का पोस्टर राज्य भर में लगवाकर चिढ़ाया जा सके। पोस्टरों पर भरोसा किया जाये तो सरकार अभी तक हजारो करोड़ रुपए बिजली बिल में आधी छूट के नाम पर बाँट चुकी है किन्तु बीएसपी टाउनशीप की जनता को बिजलीबिल में छूट के नाम पर देने के लिए प्रतिमाह लगभग ढाई दो करोड़ रुपए भी खर्च नहीं कर पा रही है।