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पारंपरिक वेशभूषा मे नाचत हे अऊ स्थापना दिवस मनावत हे हमर बहिनी शांता गुप्ता और जडूवां बिटिया दिव्या और नव्या केशरवानी

*नमन करव मय पइया लागव ।*

नमन करव मय पाइया लागव
हमर छत्तीसगढ़ ये माटी
बिंदिया बिछिया टिकली बाली
पहिरे सोला सिंगार साटी ।।

गउ माता के दूध दही हे
गोबर मा लिपाये मुहाटी
नमन करव मय पाइया लागव
हमर छत्तीसगढ़ ये माटी ।।

न्यूज़ चांपा । छत्तीसगढ़ अंचल के शब्द छत्तीसगढ़ से ही विभिन्नता में एकता का उद्घोष होता हैं , जो हमारी भारतीय सभ्यता और संस्कृति का परिचय हैं । भारतवर्ष के हदय स्थल पर बसा हुआ यह राज्य अपनी विशालता, आध्यात्मिकता और संसाधनों से परिपूर्ण हैं । यहां के खनिज सम्पदा विशालता देश के भूभाग में विद्यमान हैं।कोयले से लेकर काले हीरे यहां के अमूल्य रत्न हैं।छतीस गढ़ों को मिलाकर इस समय 33 छत्तीसगढ़ में ज़िला हैं । संबलपुर के भूभाग भी इसके साथ जुड़ा हुआ हैं और यहां के लोगों से रोटी-बेटी का संबंध हैं।कोसा कांसा एवं कंचन की नगरी चांपा में जगतनंदिनी मॉ समलेश्वरी देवी का मंदिर प्रतीक रुप में सोनार पारा एवं देवांगन पारा के मध्य में शोभायमान हैं और लोगों की आस्था का प्रतीक हैं । हम सभी छत्तीसगढ़ राज्य के लोग धन्य हैं कि प्रदेश के मुख्यिया के रुप में पहले अजित जोगी, फिर डाक्टर रमन सिंह और अब दुलरुवा बेटा भूपेश बघेल जी मिले हैं।वह छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति और सभ्यता को सहजेने में लगे हुए हैं । आज़ के नवयुवकों को छत्तीसगढ़ी ओलंपिक खेलों के माध्यम से पुरातन छत्तीसगढ़ी खेलकूद को जानने-समझने और स्वीकारे बर लगे हुए हे। हमर अतीत के गौरव ल महामंडित कर गौरवान्वित करत हे। छत्तीसगढ़ राज्य के 23-वें स्थापना दिवस पर समाज सेविका श्रीमति शांता गुप्ता अपनी दोनों नातिन सुश्री दिव्या केशरवानी एवं नव्या केशरवानी छत्तीसगढ़ी वेशभूषा धारण कर सबको प्रफुल्लित कर रही हैं । केशरवानी महिला मंडल की उर्जावान अध्यक्षा , महादेवी महिला साहित्य समिति की सक्रिय पदाधिकारी, लायंस क्लब की सक्रिय सदस्या सहित अन्यान्य सामाजिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संगठनों के माध्यम से कार्य कर रही हैं। समाचार पत्रों में आलेख प्रकाशित होती रहती हैं । साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि क़लम की ताक़त से संचार का प्रत्येक व्यक्ति वाकिफ हैं । क़लम आज़ हथियार नहीं बल्कि एक ताकत के रुप में उभर रहा हैं, जिसके बल पर सरकार ही नहीं बल्कि जनता जनार्दन को सही राह दिखाया जा सकता हैं । जिंदगी से भटके हुए राही को सही रास्ता दिखाकर आशा और स्फूर्ति का संचार किया जा सकता हैं । क़लम की ताक़त के माध्यम से साहित्य सेवा करने वाली श्रीमति शांता गुप्ता बहनजी ने छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ी वेशभूषा में अपनी दोनों जुड़वां बेटियों के साथ एक फ़ोटो भेजी हैं , जो इन दिनों सोशल मीडिया पर आकर्षण का केन्द्र हैं ।

छत्तीसगढ़िया सब्बो संसार ले हाबै बढ़िया , ऐशन हमर छत्तीसगढ़ के संस्कृति और संस्कार हवे जोन गांव ,शहर, राज्य , देश-विदेश में तहलका मचावत हे । बोल भारत-माता की जय । जय छत्तीसगढ़ महतारी की जय ।

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