सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन Various programs organized on the birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
कवर्धा छत्तीसगढ़
31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में में जन्में “बैरिस्टर”,महान व्यक्तित्व,देश की आजादी तथा राष्ट्र निर्माण एवं सशक्त विचारों के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल “लौहपुरूष” माने जाते हैं । ” राष्ट्रीय एकता दिवस “
पर,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय -दशरंगपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की महिला इकाई एवं संयुक्त इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य रवेन्द्र सिंह चंद्रवंशी संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व शिक्षक गोविन्द पयासी ने बताया कि –“स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-प्रधानमंत्री एवं प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ;देश की आजादी के बाद,स्वतंत्र भारत में रियासतों के एकीकरण में अहम् योगदान दिया ,जिसके कारण,उन्हें राष्ट्रीय एकता का प्रणेता माना जाता है ,इसलिए उनके जन्म दिवस को ” राष्ट्रीय एकता दिवस “के रूप में संपूर्ण भारत में मनाते हैं ।”
तत्पश्चात प्राचार्य रवेन्द्र सिंह चंद्रवंशी ने उपस्थित सभी विद्यार्थियों-स्वयंसेवकों व कर्मचारियों को “राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ” दिलाई गई।
रासेयो महिला इकाई कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश नंदिनी के नेतृत्व में दशरंगपुर स्कूल से पुलिस चौकी के बैरक तक 1 किमी की “सद्भावना दौड” (एकता दौड ) भी आयोजित की गई,जिसमें बालिका वर्ग में “गुलापा साहू” ने प्रथम तथा रिचा केशरवानी ने द्वितीय स्थान प्राप्त की ।वहीं बालक वर्ग में दिनेश साहू ने पहला,वह गुलशन चंद्राकर ने दूसरा स्थान बनाया व पुरस्कृत भी हुए । रासेयो संयुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी हेमधर साहू के मार्गदर्शन में पुलिस चौकी दशरंगपुर के बैरक मार्ग में भारत देश की एकता व अखंडता के लिए “विशाल मानव श्रृंखला बनाई गई” । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन हेमधर साहू “व्याख्याता ” ने किया। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के अध्यक्ष महेश केशरी ने जानकारी दी कि सरदार वल्लभभाई पटेल का सबसे पहला और बडा योगदान 1918 में “खेडा आन्दोलन” में हुआ ,वर्ष 1928 में इनके नेतृत्व में “बारडोली सत्याग्रह” हुआ। “बारडोली सत्याग्रह” का नेतृत्व कर रहे पटेल जी को सत्याग्रह की सफलता पर महिलाओं ने “सरदार” की उपाधि प्रदान की।पूर्व एस.एम.डी.सी.अध्यक्ष नरेश केशरी ने – पटेल जी को स्वतंत्र भारत के गृहमंत्री बनते ही ,विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत को ,भारतीय रियासतों के विलय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपे जाने की जानकारी दी,वे बता रहे थे कि गुजरात के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया ,जिसे “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी ” ( एकता की मूर्ति) नाम रखा गया है । व्यावसायिक शिक्षक वेदप्रकाश साहू के अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल अन्याय सहन नहीं कर पाते थे ,वे अन्याय का प्रबल विरोध करते थे । कार्यक्रम में व्याख्याता बद्री प्रसाद सोनी तथा प्रतिमा ठाकुर,ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।