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पैसे की बर्बादी यदि देखनी है तो नगर पालिका रतनपुर से बेहतर उदाहरणा आप को कहीं नहीं मिलेगा। लाखों की हाईड्रोलिक मशीन कबाड़ हो रही है उपयोग के बिना वहीं जान जोखिम में डाल कर कर्मचारी बिना सुरक्षा मानक के काम कर रहें है .. ।

रतनपुर -रतनपुर नगर पालिका परिषद के सामने खडी हाइड्रोलिक मोटर लिफ्टर मशीन को शुरू नही करने से ठेका श्रमिको को अपने जान जोखिम मे डालकर सीढी के सहारे करंट प्रभावित बिजली खम्भो मे चढकर बल्फ बदलना व सुधारना पड रहा है सीएमओ की उदासीनता के चलते नई मशीन की शुरूआत नही हो पाइ है जिससे ठेका श्रमिको को जान जोखिम मे डालकर काम करना पड रहा है आपको बता दे की लगभग एक साल से नगर पालिका रतनपुर के सामने यह नई मशीन बेकार पडी हुई है वही नगर पालिका के पार्षद हकीम मोहम्मद ने बताया की सरकार ने इस मशीन को बेवजह भेज दिया है जो किसी काम का नही है वही नगर पालिका के सीएमओ ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ तौर से इँकार कर दिया
यही वजह है कि नगर पालिका परिषद् के ठेका कर्मी आज भी जान जोखिम में डाल कर ऊंचे ऊंचे बिजली के करंट प्रवाहित खंभों पर सीढ़ियों से चढ़ कर काम करने पर मजबूर है. करंट प्रवाहित बिजली के ऊंचे ऊंचे खंभों पर चढ़कर काम करने वाले ठेका कर्मियों को नगर पालिका प्रशासन के द्वारा सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए गए हैं. इस ओर न तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी ध्यान दे रहे है प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी के पार्षदों, एल्डरमैन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी समझ से परे है. शहर में संचालित अन्य सेवाओं का कमोबेश यही हाल है. इन मामलों पर अपना पक्ष रखने जिम्मेदार अधिकारी भी नगर पालिका परिषद् कार्यालय से नदारद रहते हैं. वही नगर पालिका परिषद् के ठेका कर्मी आज भी जान जोखिम में डाल कर ऊंचे ऊंचे बिजली के करंट प्रवाहित खंभों पर सीढ़ियों से चढ़ कर काम करने पर मजबूर है. करंट प्रवाहित बिजली के ऊंचे ऊंचे खंभों पर चढ़कर काम करने वाले ठेका कर्मियों को नगर पालिका प्रशासन के द्वारा सुरक्षा उपकरण भी नहीं दिए गए हैं. इस ओर न तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी ध्यान दे रहे है प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी के पार्षदों, एल्डरमैन और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी समझ से परे है. शहर में संचालित अन्य सेवाओं का कमोबेश यही हाल है. इन मामलों पर अपना पक्ष रखने जिम्मेदार अधिकारी भी नगर पालिका परिषद् कार्यालय से नदारद रहते हैं. इन सब का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ता है.

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